एमजीएम डिमना के 80 बेड पर 375 मरीजों को रखने की तैयारी
एमजीएम साकची से मरीजों को डिमना के नए अस्पताल में शिफ्ट करने में बेड की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। नए अस्पताल में 500 मरीजों की क्षमता है लेकिन केवल 80 बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आवश्यक जांच...

एमजीएम साकची से मरीजों को डिमना के नए अस्पताल में शिफ्ट करने में एक बड़ी दिक्कत बेड की भी है, क्योंकि 500 मरीजों की क्षमता वाले नए अस्पताल में अभी 80 बेड ही हैं। जबकि, साकची के अस्पताल में अब भी 375 मरीज इमरजेंसी से लेकर विभिन्न विभागों वार्डों में भर्ती हैं। इधर, राज्य स्वास्थ्य मुख्यालय से 15 दिन में साकची एमजीएम से मरीजों को नए अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश है। दूसरी ओर, डिमना के अस्पताल में अभी जांच मशीनों की भी दिक्कत है। नए अस्पताल के लिए एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन, वेंटिलेटर, एमआरआई, सीटी स्कैन मशीनों की खरीदारी प्रक्रिया शुरू है।
वहीं, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड मशीन उखाड़ने और लगाने में अस्पताल कर्मचारियों का समय गुजरने की उम्मीद है। अभी डिमना अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए लॉन्ड्री और किचन की भी जरूरत होगी, जो तैयार नहीं है। पानी की दिक्कत पहले से है। अभी डिमना के अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के बाद जांच के लिए मरीज साकची आते हैं। नए अस्पताल में आठ ऑपरेशन थिएटर बना, लेकिन अभी ऑपरेशन यंत्र नहीं है। जबकि अस्पताल प्रबंधन को तीन ऑपरेशन थिएटर तत्काल चाहिए। बेड की जगह खरीद ली कुर्सी-आलमारी राज्य स्वास्थ्य मुख्यालय ने फर्नीचर खरीदने के लिए फंड आवंटित किया था, लेकिन एमजीएम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों ने बेड के बदले कुर्सी व आलमारी खरीद ली। इससे साकची एमजीएम से मरीजों को डिमना अस्पताल में समय से शिफ्ट नहीं किया जा सका। अब साकची के अस्पताल में मरीजो की मलबे में दबकर मौत होने पर वार्ड शिफ्ट करने की कवायद रांची से जमशेदपुर तक शुरू है। नए भवन में आक्सीजन लाइन और आग से बचाव का संसाधन मुहैया की प्रक्रिया अभी जारी है। दिसंबर में हुआ था शिफ्ट करने का आदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 5 अक्तूबर को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नए अस्पताल भवन का उद्घाटन किया था। इससे तत्काल आठ विभागों की ओपीडी शुरू करने के साथ जनवरी तक साकची अस्पताल से सभी विभागो व वार्डो को डिमना के नए भवन में शिफ्ट करने का आदेश हुआ था। लेकिन कॉलेज और अस्पताल के पदाधिकारियों ने रुचि दिखाई। इससे मेडिसिन भवन का एक हिस्सा धसने से तीन मरीजो की मौत हो गई। हालांकि, ईएनटी, डेंटल व अन्य कई विभागों के वार्ड भवन धसने से पूर्व शिफ्ट हो चुका है।
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