मॉकड्रिल : जमशेदपुर में सीएच एरिया में 39 मिनट रेस्क्यू ऑपरेशन, घायलों को भवनों से निकाल अस्पताल पहुंचाया
बुधवार को शहर के सर्किट हाउस एरिया में हवाई हमलों से बचने के लिए एक मॉकड्रिल आयोजित की गई। सिविल डिफेंस और एनसीसी ने घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। यह ऑपरेशन 39 मिनट तक चला और इसमें ग्रीन...

शहर के सर्किट हाउस एरिया में बुधवार को हवाई हमले से बचने और आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें सिविल डिफेंस, एनसीसी ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए लोगों को न सिर्फ बचाया, बल्कि उन्हें अलग-अलग माध्यमों से भवन से उतारकर अस्पताल पहुंचाया। इस अवसर पर उपायुक्त अनन्य मित्तल, एसएसपी किशोर कौशल, सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, एसडीओ शताब्दी मजूमदार के अलावा अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। 39 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन मॉकड्रिल शाम 5.10 बजे शुरू हुई, जो 5.49 बजे तक चली। 39 मिनट के इस ऑपरेशन के दौरान घायलों को बिल्डिंग से उतारने के लिए तीन प्रक्रिया अपनाई गई।
ऑपरेशन के लिए शहर के सबसे पॉश इलाका सर्किट हाउस एरिया को चुना गया था। महारानी मेंशन, जहां शहर के नामी गिरामी लोग रहते हैं, उस बिल्डिंग में प्रक्रिया की गई। यह बिल्डिंग सर्किट हाउस, आर्मी कैम्प, एयरपोर्ट के काफी करीब है। इसमें पहले तल्ले की बालकॉनी से एक लड़की को सीढ़ी के सहारे उतारा गया। इसमें अग्निशमन विभाग की टीम के साथ ही सिविल डिफेंस के सदस्य भी थे। उसके बाद रोप रेस्क्यू के तहत महारानी मेंशन की छत में फंसी एक युवती को उतारने के लिए रस्सी का सहारा लिया गया। यहां से करीब 20 मीटर की रस्सी से एक लड़की को नीचे उतारा गया। उसके बाद तीसरे ऑपरेशन के लिए जिप लाइन तकनीक का सहारा लिया गया। इसमें छत से एक लड़की को सिविल डिफेंस के एक सदस्य ने उतारा। ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया घायलों को अलग-अलग एम्बुलेंस के माध्यम से टीएमएच ले जाया गया। एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। सर्किट हाउस से लेकर टीएमएच तक के दो किलोमीटर के रास्ते में किसी भी दूसरे वाहन को प्रवेश करने नहीं दिया गया। आमलोगों की आवाजाही रोक दी गई। टीएमएच में पहले से ही व्यवस्था की गई थी। तत्काल ही घायलों को स्ट्रेचर से एम्बुलेंस ले जाया गया। सेफ हाउस पहुंचे लोग उसके बाद पूरे फ्लैट में एलान कर लोगों को सेफ हाउस तक ले जाया गया। सर्किट हाउस एरिया में ही को-ऑपरेटिव कॉलेज की ओर जाने वाले रास्ते में स्थित रोप रेस्क्यू निर्मल भवन को बनाया गया था। उपायुक्त, एसएसपी सभी सेफ हाउस में पहुंचे और लोगों से मिले। यह एक अभ्यास था, जिसमें हमने किस तरह से सुरक्षात्मक उपाय किए जाने हैं, उसे पूरा किया। पूरे इलाके को ब्लैक आउट किया गया था। सिर्फ इसी इलाके को चुना गया। दूसरे इलाकों में बिजली नहीं कटी। हम कह सकते हैं कि हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। - अनन्य मित्तल, उपायुक्त हमने तीन तरह की प्रकिया अपनाई। करीब 1000 लोग हमारे पास हैं। हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमारे पास जो संसाधन हैं, उसके जरिए हम सुरक्षात्मक उपाय कर सकते हैं। आमलोगों को सिविल डिफेंस से जुड़ना चाहिए और एक सजग नागरिक होने का परिचय देना चाहिए। - अरुण कुमार, चीफ वार्डेन, सिविल डिफेंस
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