श्रीमद्भागवत पुराण हिन्दुओं के अठारह पुराणों में से एक है
नाला, प्रतिनिधि। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन प्रखंड क्षेत्र के बंदरडीहा पंचायत अंतर्गत सुन्दरपुर-मनिहारी गांव में नर-नारायण सेवा के साथ हुआ।

श्रीमद्भागवत पुराण हिन्दुओं के अठारह पुराणों में से एक है नाला, प्रतिनिधि।
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन प्रखंड क्षेत्र के बंदरडीहा पंचायत अंतर्गत सुन्दरपुर-मनिहारी गांव में नर-नारायण सेवा के साथ हुआ। भागवत कथा के आयोजन होने से संपूर्ण क्षेत्र में सप्ताह भर भक्ति और उत्साह व्याप्त रहा। कार्यक्रम के अंतिम रात्री को नवद्वीप धाम के कथावाचक धर्मप्राण भागवत किशोर गोस्वामी ने श्रीमद्भागवत कथामृत के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा चरित्र का मधुर वर्णन किया। इस मार्मिक प्रसंग में कथावाचक ने कहा की श्रीमद्भागवत पुराण हिन्दुओं के अठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। कहा कि कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रसभाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण के रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। वहीं भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा चरित्र का मधुर वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण के बाल सखा तथा अन्नय भक्त थे। इस धार्मिक प्रसंग में पूरा परिसर में उपस्थित श्रद्धालु भक्ति से नृत्य करने लगे। कथामृत वर्षण के साथ साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया, जिससे श्रोता-भक्त भावविभोर हो कर कथा स्थल पर भक्ति से झुम उठे।
फोटो नाला 02: प्रखंड अंतर्गत मनिहारी-सुन्दरपुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करते श्रद्धालु
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