Youth Inspired by Dr Vasudev Besra A Tribute on His 74th Birthday डॉ वासुदेव बेसरा को अपना आदर्श बनाएं युवा: डॉ शर्मिला सोरेन, Jamtara Hindi News - Hindustan
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डॉ वासुदेव बेसरा को अपना आदर्श बनाएं युवा: डॉ शर्मिला सोरेन

जामताड़ा,प्रतिनिधि। जनजातीय भाषाविद एवं साहित्यकार डॉ बासुदेव बेसरा के 74वां जन्मदिवस पर गुरुवार को संताल एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा जामताड़ा महिला महाविद्यालय

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाFri, 11 April 2025 03:26 AM
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डॉ वासुदेव बेसरा को अपना आदर्श बनाएं युवा: डॉ शर्मिला सोरेन

डॉ वासुदेव बेसरा को अपना आदर्श बनाएं युवा: डॉ शर्मिला सोरेन जामताड़ा,प्रतिनिधि।

जनजातीय भाषाविद एवं साहित्यकार डॉ बासुदेव बेसरा के 74वां जन्मदिवस पर गुरुवार को संताल एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा जामताड़ा महिला महाविद्यालय के सभागार में प्रो सुनिल कुमार हांसदा की अध्यक्षता में विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका में संताली विभाग के डॉ शर्मीला सोरेन ने दीप प्रज्जवलित कर विचार गोष्ठी का शुभारंभ किया। संताल समाज को उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्र - शिक्षा, संस्कृति, साहित्य, एवं न्याय इत्यादि में योगदान को स्मरण किया गया। सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में संताली विभाग के डॉ शर्मीला सोरेन ने डॉ बेसरा के साहित्यिक एवं सामाजिक योगदान पर शोध करने हेतु उपस्थित विद्यार्थियों को आह्वान किया। उन्होंने संताल परगना के प्रतिभाओं के तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यहां के बच्चे भी विभिन्न क्षेत्रों में कमाल कर सकते हैं। हमारे बच्चे ही हमारी ताकत, हमारी संस्कृति, जीवन शैली, सभ्यता, पहचान इत्यादि बाहर की दुनिया को बता सकते हैं इसलिए डॉ बेसरा जैसे प्रतिभा से प्रेरणा लेकर बच्चे आगे बढ़ें। उन्होंने जामताड़ा में संताली पुस्तकों के प्रकाशक हांस हांसिल प्रिंटिंग एंड पब्लिकेशन से उनके सभी पुस्तकों के प्रकाशन का आग्रह किया। वहीं बांकुड़ा विश्वविद्यालय में संताली के प्रो डॉ अंजन कर्मकार ने डॉ बेसरा रचित खण्ड काव्य बिडराव पर व्याख्या प्रस्तुत किया। वहीं सिदो - कान्हू - बिरसा विश्वविद्यालय, पुरुलिया में संताली के अध्यापक ठाकुर प्रसाद मुर्मू ने डॉ बेसरा को एक श्रेष्ट कहानीकार बताते हुए उसके विभिन्न कहानियों में उनके पात्रों पर चर्चा करते हुए कहा कि वे हमेशा स्वयं को एक आम आदमी मानते रहे। उनकी कहानियों में हमेशा किसान, मजदूर एवं आसपास के सामान्य लोग हुआ करते हैं। कहानी, व्यंग्य, कविता, निबन्ध एवं साहित्य कि विभिन्न विधाओं में उन्हें महारत हासिल थी। इस अवसर पर वासुदेव हांसदा ने भी उनके साथ बिताये अपने स्मरण को साझा किया। डॉ संतोष बेसरा ने उनके बहुमुखी प्रतिभा के कई उदाहरण प्रकाश में लायें। मौके पर राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील कुमार बास्की व सुशील कुमार मरांडी,विलियम हांसदा,देवेंद्र मुर्मू, सुधीर सोरेन, आनंद हांसदा, सिकंदर टुडू, नाजिर सोरेन, कृपाशंकर टुडू, निशापति हांसदा, श्यामलाल मरांडी, लखाय बास्की, शिवलाल ममता टुडू सहित अन्य मौजूद रहे।

फोटो जामताड़ा 04: गुरूवार को जामताड़ा महिला महाविद्यालय में दीप प्रज्वलित कर विचार गोष्ठी का शुभारंभ करती सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका में संताली विभाग के डॉ शर्मीला सोरेन व अन्य।

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