झारखंड में आंधी-तूफान और बारिश के बीच मॉनसून को लेकर बड़ा अपडेट; इन इलाकों के लिए अलर्ट
गुरुवार को आई तेज आंधी और बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में बिजली व्यवस्था की पोल खोल दी। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण कई जगहों पर तकनीकी खामियां सामने आईं

झारखंड कोल्हान समेत पूरे राज्य में गुरुवार को दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और तेज बारिश के साथ गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली। करीब 3.30 बजे से काले बादलों ने आसमान को घेर लिया और इसके बाद लगभग 7 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से उमस भरी गर्मी में राहत मिली और लोगों ने चैन की सांस ली।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 28 मई तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण यह बदलाव हुआ है, जिसका असर पूरे झारखंड में देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून इस बार तय समय से पहले 25 मई को केरल पहुंच सकता है। झारखंड में 5 से 7 जून के बीच मानसून के प्रवेश की संभावना है। राज्य में मानसून आने के लगभग 10-12 दिन पहले से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। कई जिलों में बारिश, गरज-चमक और तेज़ हवाओं का सिलसिला शुरू हो गया है।
जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक अजीत कुमार ने कहा, आंधी और बारिश से बिजली व्यवस्था जिन इलाकों में प्रभावित हुई हैं, उन इलाके में युद्ध स्तर पर बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। कई बार स्थानीय दिक्कतों के चलते देर हो जाती है। इसके बावजूद इस पर ध्यान दिया जा रहा है।
कई जिलों में अलर्ट जारी
पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां सहित कई जिलों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 2:00 बजे के बाद से मौसम में फिर बदलाव होगा और 3:30 बजे के बाद वर्षा शुरू हो सकती है। 26 मई तक झारखंड में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और वज्रपात की घटनाएं देखने को मिलेंगी। इसके बाद तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो सकती है और गर्मी फिर से लौट सकती है।
गुरुवार को आई तेज आंधी और बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में बिजली व्यवस्था की पोल खोल दी। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण कई जगहों पर तकनीकी खामियां सामने आईं, जिससे घंटों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही।
भुइयांडीह में केबल फॉल्ट की वजह से करीब डेढ़ घंटे तक बिजली गुल रही। वहीं, मानगो के बालीगुमा में सर्किट ब्रेकर के खराब हो जाने के कारण तीन घंटे तक लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा। भीषण गर्मी के बीच बिजली की अनियमित आपूर्ति ने आम लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया।
आदरडीह में चौबीस घंटे में भी सामान्य नहीं हुई बिजली
बिजली आपूर्ति की स्थिति सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही। चांडिल के आदरडीह विद्युत प्रमंडल में बुधवार की आंधी-बारिश के बाद से बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी वहां बिजली व्यवस्था सामान्य नहीं हो सकी है। ग्रामीण इलाकों में पहले से ही बिजली संकट गहराया हुआ है। आदरडीह, हैवेन, कल्याणपुर, पहाड़धार, रघुनाथपुर सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि यहां बिजली व्यवस्था पहले से ही बदहाल है। ग्रामीणों के अनुसार, वर्षों से इन क्षेत्रों में उचित रखरखाव नहीं हुआ है और तकनीकी संसाधनों की भारी कमी है। पहाड़धार के खुदीराम तांती और हेवेन के मारुन हेम्ब्रम ने बताया कि उनके इलाके में सर्किट ब्रेकर की भारी कमी है, जिससे रोजाना चार से पांच घंटे तक ही बिजली मिल पाती है। उनका आरोप है कि कई बार सरायकेला विद्युत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
रात में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है
ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में जब बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब ही सप्लाई बाधित हो जाती है। रात के समय अंधेरे और दिन में पंखे-कूलर के बिना जीवन मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग से मांग की है कि वे बारिश और आंधी के समय में पुख्ता तैयारी रखें और ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा बंद कर तत्काल प्रभाव से आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएं