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चमत्कार! यहां समंदर खुद दे देता है 40 मीटर चौड़ा रास्ता, पैदल ही पार हो जाते हैं हजारों लोग

दक्षिण कोरिया में साल में दो बार ऐसी घटना होती है जिसे देखने के लिए हजारों लोग जमा होते हैं। यहां समंदर बीच से एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक जाने का रास्ता दे देता है। 

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 May 2025 02:59 PM
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चमत्कार! यहां समंदर खुद दे देता है 40 मीटर चौड़ा रास्ता, पैदल ही पार हो जाते हैं हजारों लोग

दक्षिण कोरिया में साल में दो बार ऐसी हैरान करने वाली प्राकृतिक घटना होती है कि जिसे देखने को लिए देश विदेश से हजारों लोग जमा होते हैं। दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े द्वीप जिंडो और मोदो के बीच समंदर खुद ब खुद 40 मीटर चौड़ा रास्ता दे देता है। दोनों ओर अथाह सागर और बीच में सूखा रास्ता, किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस घटना को 'जिंडो का चमत्कार' कहा जाता है।

जिंडो और मोदो द्वीप के बीच करीब 1.8 किलोमीटर की दूरी है। दोनों द्वीपों की बीच ऐसा लगता है जैसे कि समंदर ने अपने पानी को दोनों ओर पीछे खींच लिया है। ऐसे में बीच में सूखा रास्ता निकल आता है। लोग इस रास्ते में सीफूड इकट्ठा करते हैं। बहुत सारे लोग एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक पैदल ही चले जाते हैं। एक घंटे तक यह रास्ता यूं ही बना रहता है। इसके बाद एक बार फिर पानी इस रास्ते को अपने आगोश में ले लेता है। एक घंटे के बाद अगर कोई यहां पहुंचता है तो उसके लिए सूखे रास्ते की कल्पना भी मुश्किल होगी।

क्यों होती है यह घटना?

जानकारों का कहना है कि लो टाइड के वक्त यह चमत्कार होता है। संभव है कि जिंडो और मोदो द्वीप कभी एक में ही रहा हो। बाद में समंदर ने दोनों को अलग कर दिया। ऐसे में दोनों द्वीपों के बीच धरती उथली है। लो टाइड के वक्त पानी पीछे हटता है तो यह जमीन दिखाई देने लगती है और एक रास्ता बन जाता है। रास्ता बनते ही हजारों लोग पैदर समंदर पार करने का लुत्फ लेते हैं। दोनों और से अथाह सागर और बीच में रास्ता, यह दृश्य काफी रोमांचक होता है।

प्रचलित है दंतकथा

इस घटना को लेकर यहां स्थानीय लोगों में एक दंतकथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि एक समय में यहां बहुत सारे बाघ रहते थे। वे अकसर गांव के लोगों पर हमला कर देते थे। एक बार जब बाघों के झुंड ने हमला किया तो भी भाग निकले लेकिन एक बुजुर्ग महिला फंस गई। उसने बाघों से बचने के लिए समंदर सेप्रार्थना की और कहा कि उसे पार जाने के लिए रास्ता दे दें। इसके बाद से समुद्र हर साल दो बार यहां रास्ता दे देता है।

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