How were you born? Don't forget, Amit Shah reminded Bangladesh of the role of BSF in 1971 Liberation War तुम्हारा जन्म कैसे हुआ? मत भूलो, अमित शाह ने BSF की भूमिका की बांग्लादेश को याद दिलाई, India News in Hindi - Hindustan
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तुम्हारा जन्म कैसे हुआ? मत भूलो, अमित शाह ने BSF की भूमिका की बांग्लादेश को याद दिलाई

गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा सुरक्षा बल के 22वें अलंकरण समारोह के अवसर पर आयोजित रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में कहा कि बीएसएफ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपनी क्षमता साबित की और पाकिस्तान को नापाक गतिविधियां नहीं करने दीं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 23 May 2025 03:18 PM
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तुम्हारा जन्म कैसे हुआ? मत भूलो, अमित शाह ने BSF की भूमिका की बांग्लादेश को याद दिलाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के रोज-रोज के नए पैंतरों पर स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसका जन्म कैसे हुआ है और उसके निर्माण में भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) की क्या भूमिका थी। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि पड़ोसी देश 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान उसके निर्माण में बीएसएफ की बड़ी भूमिका को नजरअंदाज न करे। बांग्लादेश के निर्माण में भारत के ऐतिहासिक सहयोग की याद दिलाते हुए शाह ने BSF की महत्वपूर्ण भागीदारी पर भी जोर दिया।

शाह ने ये बातें 22वें सीमा सुरक्षा बल अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश को अपने निर्माण में बीएसएफ द्वारा निभाई गई बड़ी भूमिका को नहीं भूलना चाहिए।” इसके साथ ही शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर भारत की सैन्य कार्रवाई के विरोध में और आतंकवादियों के समर्थन में भारत पर जवाबी कार्रवाई करने से दुनिया भर में पाकिस्तान की पहचान आंतकवाद का समर्थन करने वाले देश की बन गयी है और वह पूरी तरह बेनकाब हो गया है।

ऑपरेशन सिंदूर से बेनकाब हुआ पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार दावा करता रहा है कि वह आतंकवाद को समर्थन नहीं देता है लेकिन ऑपरेशन सिन्दूर के बाद के घटनाक्रमों ने उसे दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिन्दूर में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में केवल नौ आतंकवादी अड्डों को तबाह किया था और सैन्य तथा असैनिक अड्डों को निशाना नहीं बनाया था लेकिन पाकिस्तान ने बौखलाहट में आकर भारतीय सैन्य ठिकानों और असैनिक ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की।

आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा पाकिस्तान

गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की नाकाम कोशिशों ने साबित कर दिया है कि वह आतंकवाद का समर्थन करता है और आतंकवादियों को शह दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के बाद के घटनाक्रम से पाकिस्तान का पूरी तरह पर्दाफाश हो गया है कि वह आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा है। पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह पाकिस्तान सेना के अफसरों ने आतंकवादियों के जनाजों में नमाज पढ़ी।

भारतीय सेनाओं की सराहना की जानी चाहिए: शाह

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर भारतीय सेनाओं की सराहना की जानी चाहिए कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के केवल सैन्य अड्डों को ही निशाना बनाया और असैनिक क्षेत्रों में हमला नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी अपनी वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।

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केंद्रीय गृह मंत्री ने बांग्लादेश के साथ लगती सीमा सहित अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में बीएसएफ की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश को अपने निर्माण में बीएसएफ की बड़ी भूमिका को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह देश के लिए जान कुर्बान करने के लिए तैयार रहने की भावना के साथ अपने कर्तव्य पथ पर 1965 से 2025 तक निडरता से चलते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले 2,000 से अधिक सीमा प्रहरियों को पूरे देश की ओर से नमन करते हैं।

बीएसएफ की स्थापना 1965 में हुई थी

के एफ रुस्तमजी बीएसएफ के संस्थापक और पहले महानिदेशक थे। बीएसएफ दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जिसमें लगभग 2.75 लाख कर्मी हैं। ये कर्मी पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाते हैं। बीएसएफ की स्थापना 1965 में हुई थी। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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