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JPSC-2 भर्ती मामले में कोर्ट का ऐक्शन, 60 अधिकारियों को भेजा वारंट; क्या कहा

  • बहुचर्चित झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वितीय सिविल सेवा नियुक्ति घोटाले में चार्जशीटेड 60 लोक सेवकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई के विशेष पीके शर्मा की अदालत ने सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को संज्ञान ले लिया। कोर्ट ने 60 को समन भेजा है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीSat, 8 March 2025 07:41 AM
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JPSC-2 भर्ती मामले में कोर्ट का ऐक्शन, 60 अधिकारियों को भेजा वारंट; क्या कहा

बहुचर्चित झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वितीय सिविल सेवा नियुक्ति घोटाले में चार्जशीटेड 60 लोक सेवकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई के विशेष पीके शर्मा की अदालत ने सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को संज्ञान ले लिया। अदालत ने मामले में आरोपियों के खिलाफ उपस्थिति को लेकर समन जारी किया है। इसके लिए अदालत ने 15 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है।

सीबीआई ने 12 साल बाद जांच पूरी करते हुए अक्तूबर महीने में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत 60 लोक सेवकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 28 अफसरों का नाम शामिल हैं। अदालत ने जिन लोगों पर संज्ञान लिया है, उसमें ऐसे नाम भी हैं जो वर्तमान में प्रोन्नति पाकर डीएससी से एसपी बन कर जिला संभाल रहे हैं। सीबीआई ने सात जुलाई 2012 को द्वितीय जेपीएससी नियुक्ति घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने की है।

बड़ी संख्या में गड़बड़ी के मिले साक्ष्य चार्जशीट में द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में भारी संख्या में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं। तत्कालीन जेपीएससी के सदस्य और कॉऑर्डिनेटर के कहने पर 12 परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ा दिए गए थे। कई अभ्यार्थियों की कॉपियों में कांट- छांट कर नंबर बढ़ाएं गए और सफल उम्मीदवारों के इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर को भी बढ़ाया गया। कॉपियों की जांच गुजरात स्थित फॉरेंसिक लैंब में कराई गई है।

अदालत ने मामले में जिन लोगों को 15 अप्रैल को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है, उनमें पदाधिकारियों में तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, तत्कालीन वरीय सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, सदस्य शांति देवी, सदस्य राधा गोविंद, परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी व असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर अरविंद सिंह शामिल हैं। वहीं परीक्षकों में इंटरव्यू एक्सपर्ट प्रो नंदलाल, परीक्षक डॉ मुनींद्र कुमार तिवारी, रघुवीर सिंह तोमर, डॉ शिव बहादुर सिंह, प्रो. ओंकारनाथ सिंह, डॉ सुधीर कुमार शुक्ला, प्रो. अमरनाथ सिंह, डॉ दीनानाथ सिंह, डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ ओम प्रकाश सिंह, डॉ योगेद्र सिंह, डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ रवि प्रकाश पांडेय, डॉ बंशीधर पांडे, दिवाकर लाल श्रीवास्तव, डॉ सियाराम सिंह यादव, प्रदीप कुमार पांडे, डॉ मधुसूदन मिश्रा, डॉ सभाजीत सिंह यादव, डॉ एसडी सिंह, डॉ अशोक कुमार सिंह, महेंद्र मोहन वर्मा, तुलसी नारायण मुंडा, कोऑर्डिनेटर परमानंद सिंह, अलबर्ट टोप्पो, सोहन राम, परीक्षा एजेंसी के धीरज कुमार के अलावा अभ्यर्थियों में राधा प्रेम किशोर, बिनोद राम, हरि शंकर बड़ाइक, हरिहर सिंह मुंडा, रवि कुमार कुजूर, मुकेश कुमार महतो, कुंदन कुमार सिंह, मौसमी नागेश, कानू राम नाग, प्रकाश कुमार, संगीता कुमारी, रजनीश कुमार, शिवेंद्र, संतोष कुमार चौधरी, शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अमित कुमार, राहुल जी आनंद जी, इंद्रजीत सिंह, शिशिर कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह, रामकृष्ण कुमार, प्रमोद राम, अरविंद कुमार, विकास कुमार पांडे, मनोज कुमार, सुदामा कुमार एवं कुमुद कुमार का नाम शामिल हैं।