बदलते समय में तकनीकी प्रगति के साथ श्रमिकों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है : राम रतन
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर अवध्या क्लासेस में विशेष संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संस्थापक राम रतन अवध्या ने मजदूरों के योगदान और उनके कल्याण पर जोर दिया। उन्होंने श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक...

झुमरीतिलैया, निज प्रतिनिधि। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर गुरूवार को स्थानीय अवध्या क्लासेस के प्रातःकालीन क्लास में विशेष संगोष्ठी सह संवाद-सत्र का आयोजन हुआ। की अवध्या क्लासेस के संस्थापक सह शिक्षाविद राम रतन अवध्या ने मजदूर दिवस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वर्तमान परिप्रेक्ष्य और इसके सामाजिक,आर्थिक महत्त्व पर प्रकाश डाला। श्री अवध्या ने कहा कि मजदूर दिवस सिर्फ प्रतीकात्मक आयोजन नहीं है, यह उन अनगिनत श्रमिकों को सम्मान देने का दिन है ,जिनके परिश्रम से समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। आज जरूरत है हम केवल नारों तक सीमित न रहें, बल्कि श्रमिकों के कल्याण के लिए व्यावहारिक कदम उठाएं। उन्हें सामाजिक सुरक्षा, सम्मानजनक जीवन और न्यायसंगत वेतन प्रदान करना ही 1886 में शहीद हुए मज़दूरों की सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि बदलते समय में तकनीकी प्रगति के साथ श्रमिकों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन,नई औद्योगिक तकनीकों के युग में भी मानवीय श्रम की महत्ता को कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन में श्रम की गरिमा को समझें और प्रत्येक वर्ग के प्रति सहानुभूति,सम्मान का दृष्टिकोण अपनाएं। इस दौरान विद्यार्थियों ने भी श्रमिकों के योगदान को समर्पित अपनी बातों को रखा। कई छात्र-छात्राओं ने श्रमिक अधिकारों, बाल श्रम, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं,श्रमिकों की जीवन गुणवत्ता से जुड़े विषयों पर लघु भाषण पेश किया। सरकारी योजनाओं की जानकारी जैसे श्रम योगी मानधन योजना, ई-श्रम पोर्टल आदि की जानकारी दी गयी। मौके पर निदेशक राजभूषण अवध्या कई विद्यार्थी मौजूद थे।
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