Special Mass Celebrated on Maundy Thursday at Lohardaga s Catholic Churches नम्रता, प्रेम और सेवा के प्रतीक का पर्व है पुण्य बृहस्पतिवार- फादर अजय, Lohardaga Hindi News - Hindustan
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नम्रता, प्रेम और सेवा के प्रतीक का पर्व है पुण्य बृहस्पतिवार- फादर अजय

लोहरदगा में पुण्य बृहस्पतिवार के अवसर पर संत बेर्नाडेट और संत उर्सुलाइन चर्च समेत अन्य रोमन कैथोलिक चर्चों में विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। पादरी अजय और अन्य ने प्रभु यीशु द्वारा अपने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाThu, 17 April 2025 10:04 PM
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नम्रता, प्रेम और सेवा के प्रतीक का पर्व है पुण्य बृहस्पतिवार- फादर अजय

लोहरदगा, संवाददाता। पुण्य बृहस्पतिवार के अवसर पर आरसी चर्च संत बेर्नाडेट चर्च और संत उर्सुलाइन चर्च लोहरदगा समेत तमाम रोमन कैथोलिक चर्च में विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन गुरुवार की संध्या में किया गया।

संत उर्सुलाइन चर्च में मिस्सा पूजा के मुख्य अनुष्ठान फ़ादर अजय, फादर इग्नेस, फादर दामियान ने संयुक्त रूप से संपन्न कराया। मिस्सा पूजा के मुख्य भाग में प्रभु यीशु ने अपने 12 चेलों के पांव धोए। उन्हें गले लगाया। आज के दिन पवित्र ख्रीस्त की स्थापना की गई।

फा अजय ने कहा कि ईस्टर के ठीक पहले आने वाला पुण्य बृहस्पतिवार एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पवित्र सप्ताह का पांचवां दिन है। यह येशु मसीह के अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोज की याद दिलाता है। यह दिन नम्रता और सेवा के प्रतीक के रूप में येशु के शिष्यों के पैर धोने की घटना को भी याद करता है।

फा इग्नेस ने कहा कि पुण्य बृहस्पतिवार का महत्व मसीह विश्वासी के लिए काफी अधिक है। यह येशु द्वारा अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोजन साझा करने की घटना का स्मरण दिलाता है।

यह यीशु द्वारा यूचरिस्ट (प्रभु भोज) की स्थापना का स्मरण है।

यह यीशु के शिष्यों के पैर धोने की घटना के माध्यम से नम्रता और सेवा के उदाहरण को याद दिलाता है।

यह ईस्टर ट्रिडियम -तीन दिनों की गंभीर प्रार्थना और चिंतन,की शुरुआत का प्रतीक है।

इस अवसर पर पल्ली पुरोहित फा वीरेंद्र खलखो ने कहा कि

तमाम चर्चों में इस पुण्य बृहस्पतिवार को विशेष सेवाओं का आयोजन किया जाता है। चर्चों में, इस दिन पैर धोने की रस्म की गई। जो यीशु के शिष्यों के पैर धोने की घटना को याद दिलाती है।इस दिन प्रभु भोज का उत्सव मनाया जाता है।

कुछ चर्चों में, इस दिन वेदी को आवरण विहीन करके रखा जाता है, जो यीशु के वस्त्र उतारने की घटना का प्रतीक है।

मसीह धर्म गुरुओं ने कहा कि यह दिन हमें यीशु मसीह के नम्रता, सेवा और प्रेम के उदाहरण को याद दिलाता है। यह हमें एक दूसरे की सेवा करने और प्रेम करने के लिए प्रेरित करता है।

इस अवसर पर डा आइलीन कुजूर, डा पुष्पा, सि आशा, सि आश्रिता, सि शीला, सि वंदना, सि विमला, सुजीत कुजूर, अमृत कुजूर, संजय टोप्पो, डोमिनिक एक्का, लियो एक्का, अरुण कुजूर, जॉर्ज कुजूर, अनिल मिंज, मनीष किंडो, आशीष कुजूर, मनोहर टोप्पो, अखिल कुजूर, अनिल बिलुंग, मॉरिश तिर्की, लक्ष्मण कुजूर, भूषण तिर्की, अनीता बाड़ा, बिमला कुजूर, सुषमा कुजूर, अमित बिलुंग, अजय मिंज, मानवेल बाड़ा आदि मौजूद रहे। शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर जिले के तमाम चर्चों में विशेष प्रार्थना की जाएगी।

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