Dialysis Demand Surges in Medininagar 4344 Treatments in 2024-25 Amidst Equipment Shortage एमआरएमसीएच में नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं, डायलिसिसि मशीन बढ़ाई गई, Palamu Hindi News - Hindustan
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एमआरएमसीएच में नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं, डायलिसिसि मशीन बढ़ाई गई

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के एमआरएमसीएच में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4344 मरीजों का डायलिसिस किया गया है। प्रत्येक दिन 8-12 मरीजों का डायलिसिस होता है। हालांकि, नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हुई...

Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूSat, 19 April 2025 12:56 AM
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एमआरएमसीएच में नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं, डायलिसिसि मशीन बढ़ाई गई

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू जिला मुख्यालय सिटी मेदिनीनगर के एमआरएमसीएच में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4344 मरीज का डायलिसिस किकया गया है। अर्थात प्रत्येक दिन लगभग 8-12 मरीज का डायलिसिस होता है। यह अकड़े यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जिले में किडनी से संबंधित मरीजों संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि एमआरएमसीएच में अभी तक किसी नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है। पीपीपी मोड पर डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। पीपीपी मोड में लगाए गए पांच मशीन में एक वर्तमान में खराब है। चार नए मशीन, शुक्रवार को इंस्टॉल किया जाना था परंतु तकनीकी कारणों से उसे दूर नहीं किया जा सकता है। एमआरएमसीएच डायलिसिस सेंटर के टेक्नीशियन बिपिन कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में डायलिसिस के लिए 4 मशीन है। 8-12 मरीज का डायलिसिस नियमित होता है। एक व्यक्ति का डायलिसिस होने में लगभग 3-4 घंटे लगते है। हाल के दिनों में मरीज तेजी से मरीज बढ़ रहे है। इसके लिए मशीनों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। डायलिसिस विभाग में 4 नए यूनिट आ चुका है मगर अबतक उसका इंस्टालेशन नहीं हो सका। डायलिसिस सेंटर में बीपीएल और राशन कार्डधारियों का बिल्कुल फ्री में डायलिसिस होता है। बिना किसी कार्ड के मरीजों के लिए 1048 रुपए शुल्क निर्धारित है।

डीसीडीसी ऑपरेशनल हेड रूपेश तिवारी ने बताया कि अस्पताल में 5 यूनिट पहले से मौजूद है। इसमें एक खराब है। उसकी तकनीकी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को 4 अतिरिक्त यूनिट लगेंगे तो एमआरएमसीएच के पास कुल 9 डायलिसिस यूनिट हो जाएंगे। इससे एक दिन में अमूमन 27 लोगों का आसानी से डायलिसिस हो सकेगा। एमआरएमसीएच में नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति अबतक नहीं हो सका है। परंतु वे कंपनी के तकनिशियन के सहयोग से मरीज का डायलिसिस करवाते हैं। मरीज के आपात स्थिति में पहुंच जाने पर ओपीडी में मौजूद सामान्य डॉक्टरों इलाज सुलभ कराते हैं।

गुरुवार को डायलिसिस करवा रहे लोइंगा निवासी रवींद्र यादव ने बताया रांची में इलाज के बाद एमआरएमसीएच में नियमित 2 महीने से डायलिसिस करवा रहे है। बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। कोई दिक्कत नहीं होता है। मशीन बढ़ जाएगा तो मरीजों को और अधिक सहुलियत होगी। एक अन्य मरीज मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इलाज के पश्चात नियमित रूप से एमआरएमसीएच में ही विगत महीने से डायलिसिस करवा रहे है। सब कुछ बेहतर हैं। जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। बस यूनिट की कमी से थोड़ी परेशानी होती है।

चिकित्सक के अनुसार बदलते परिवेश में खानपान, सामाजिक परिवर्तन, स्टोन और बढ़ते डायबिटीज के मरीजों से डायलिसिस के लिए मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एमआरएमसीएच के डायलिसिस सेंटर के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 56 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई थी। इन पैसों से डायलिसिस सेंटर में कुछ सुविधाएं बहाल हुई है, परंतु मरीज अभी भी परेशानियों का सामना कर रहे है। एमआरएमसीएच के चिकित्सक डॉ आरके रंजन ने कहा कि डायलिसिस यूनिट के लिए एमआरएमसीएच केवल स्थान मुहैया कराती है। यह पूर्णतः प्राइवेट है सरकारी दर के अनुसार से उनका भुगतान किया जाता है। बाकी मरीजों की सुविधा के लिए यूनिट पूरी तरह जवाबदेह है।

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