पिपरवार में टमाटर उत्पादक किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार, खेतों में सड़ रही फसल
पिपरवार क्षेत्र के किसानों को टमाटर की फसल के लिए उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। खरीदारों की कमी के कारण उन्हें स्थानीय बाजारों में बेचने में कठिनाई हो रही है। कई किसान अपनी फसल को खेतों में ही छोड़ने को...

पिपरवार, संवाददाता। पिपरवार कोयलांचल और इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों को इन दिनों टमाटर की फसल को लेकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेहनत और लागत से उगाई गई टमाटर की फसल को बाजार में उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। खरीदारों की कमी के कारण किसानों को साप्ताहिक हाट-बाजारों और स्थानीय चौक-चौराहों पर खुदरा बिक्री करनी पड़ रही है, जहां न तो ग्राहकों की संख्या अधिक होती है और न ही टमाटर का भाव संतोषजनक होता है। लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा:
बाजार में कम कीमत मिलने के कारण किसानों को लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि कुछ किसान टमाटर की तैयार फसल को खेत में ही सड़ने के लिए छोड़ देने को मजबूर हो गए हैं। इससे उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
व्यापारियों की कमी से बढ़ी समस्या:
किसानों का कहना है कि पिपरवार क्षेत्र के खेतों तक व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि उत्पादित टमाटर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे और खेतों में ही बर्बाद हो रहे हैं।
बड़े बाजार की जरूरत:
किसानों की मांग है कि पिपरवार क्षेत्र में एक व्यवस्थित और स्थायी सब्जी बाजार की स्थापना हो, ताकि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके।
वर्ष 1999 से सब्जी की खेती कर अपना और अपने परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं, लेकिन इस वर्ष सब्जी की फसल में काफी नुकसान हुआ है, बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि से टमाटर की फसल बर्बाद हो गई। टमाटर की तैयार फसल के लिए खरीदार नहीं मिल रहा है। केसीसी लोन लेकर सब्जी की खेती किए थे, लेकिन काफी नुकसान होने से लोन चुकाने की चिंता सता रही है।
हरीश कुमार महतो, किसान बमने बस्ती।
खलारी-पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में सब्जी के बाजार को विकसित करने के लिए झारखंड सरकार को पहल करनी चाहिए, क्योंकि किसानों को काफी मेहनत से तैयार की गई सब्जी की फसल को बेचने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। इस कारण अपने सब्जी की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से औने-पौने कीमत पर बेचकर आना पड़ता है।
श्याम लाल महतो, किसान बमने पंचायत।
सिंचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण हम किसानों को गर्मी के दिनों में सब्जी की फसल को उगाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन मेहनत और पूंजी के हिसाब से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इससे खेती के भरोसे घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो रहा है।
विशेश्वर महतो, किसान बमने बस्ती।
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