Water Crisis and Poor Infrastructure Plague Jagannathpur Ranchi Residents Demand Solutions बोले रांची: न पेयजल की समुचित व्यवस्था न ही सड़क व नाली का इंतजाम, Ranchi Hindi News - Hindustan
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बोले रांची: न पेयजल की समुचित व्यवस्था न ही सड़क व नाली का इंतजाम

रांची के जगन्नाथपुर क्षेत्र में 60 हजार की आबादी जलसंकट और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की किल्लत के कारण उन्हें दूर से पानी लाना पड़ता है। नगर निगम पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 12 April 2025 05:29 AM
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बोले रांची: न पेयजल की समुचित व्यवस्था न ही सड़क व नाली का इंतजाम

रांची, संवाददाता। रांची के जगन्नाथपुर इलाके में तीन हजार से अधिक घर हैं। यहां की आबादी लगभग 60 हजार है। ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूरी और पशुपालन का काम करते हैं। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बारे में बताया। लोगों का कहना था कि इस क्षेत्र में पानी की सबसे बड़ी समस्या है। कहा कि न अच्छी सड़क है और न ही स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था। नाली नहीं होने से कच्ची सड़क पर पानी बहता है। बच्चों के लिए खेल के मैदान भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि निगम और सरकार इसकी व्यवस्था करा दे तो बहुत लाभ होगा। रांची शहर के एचईसी परिसर में बसा जगन्नाथपुर लगभग 60 हजार की आबादी वाला एक क्षेत्र है, जो वर्तमान में एक गंभीर जलसंकट से जूझ रहा है। विडंबना है कि विकास की दौड़ में शामिल इस शहर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के निवासियों को अपनी दैनिक जरूरतों के लिए पानी जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने कहा कि सात से आठ बोरिंग इस बड़ी आबादी की प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा है, जो अपर्याप्त है। क्षेत्र में लगे कई चापानल लंबे समय से खराब पड़े हैं, जो स्थिति को और भी विकट बना रहे हैं।

तीन हजार घरों वाली बस्ती सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना ने लोगों में उम्मीद की किरण जगाई थी। घरों तक पाइपलाइन तो पहुंच गई, लेकिन विडंबना यह है कि तीन साल बीत जाने के बाद भी इन पाइपों से पानी की एक बूंद तक नहीं टपकी है। यह सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में व्याप्त उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण है। स्थानीय निवासियों का दर्द अब आक्रोश में बदल रहा है, क्योंकि उन्हें दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है, जो न केवल थकाऊ है, बल्कि समय और ऊर्जा की भी बर्बादी है।

मौजूदा जल स्रोतों का उचित रखरखाव नहीं

क्षेत्र में लगे कई चापानल लंबे समय से खराब पड़े हैं, लेकिन उनकी मरम्मत के लिए कोई सक्रिय कदम नहीं उठाए गए हैं। यह लापरवाही न केवल उपलब्ध जल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि लोगों की परेशानी को भी बढ़ाती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी है, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। पानी की कमी का सीधा प्रभाव जगन्नाथपुर के लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ रहा है। महिलाओं और बच्चों को सुबह-सुबह उठकर दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ता है। इस प्रक्रिया में उनका काफी समय और शारीरिक श्रम बर्बाद होता है। इसका असर उनकी शिक्षा और अन्य घरेलू कार्यों पर पड़ता है। पीने योग्य पानी की कमी के कारण लोगों अस्वच्छ पानी का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

टैंकर से पानी सप्लाई करने के एवज में पैसे लेते हैं निगम के लोग

शहर के जलसंकट वाले क्षेत्रों में नगर निगम के द्वारा टैंकर से मुफ्त में पानी आपूर्ति की जाती है। लेकिन, जगन्नाथपुर के स्थानीय लोगों ने बताया कि निगम कर्मियों पर टैंकर से पानी मुहैया कराने के एवज में पैसे लेने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है की बिना पैसे के वे एक बाल्टी पानी भी नहीं लेने देते हैं। जिस जगह से पैसा मिलता है, वहीं पानी की आपूर्ति करते हैं।

पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए

मौजूदा जल स्रोतों के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। खराब पड़े चापानलों को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए और नई बोरिंग स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशा जाना चाहिए। भूजल के पुनर्भरण के लिए वर्षा जल संचयन जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस क्षेत्र के कई लोग अपनी आजीविका के लिए पशुपालन करते हैं। लेकिन, जल संकट से पशुपालन भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे उनका रोजगार भी प्रभावित हो रहा है।

जगन्नाथपुर तालाब के पास निगम ने बनाया डंपिंग यार्ड

जगन्नाथपुर के लोगों ने कहा कि जगन्नाथपुर मंदिर के निर्माण के समय से यहां पर तालाब है। पहले यहां का पानी साफ रहता था। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से यहां के पानी में दूर्गंध आने लगी है। छठ महापर्व के समय तालाब की सफाई होती है, लेकिन पानी साफ नहीं रहता है। निगम ने तालाब के पास ही डंपिग यार्ड बना दिया है। इसे यहां से हटाना चाहिए और तालाब संरक्षण के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।

कई जगह स्ट्रीट लाइट नहीं लगी जहां लगी है, वहां जलती ही नहीं

जगन्नाथपुर क्षेत्र में कई जगह स्ट्रीट लाइट नहीं है। जिन स्थाना पर स्ट्रीट लाइट लगी है, वो खराब हो चुकी है। निगम की ओर से इसे अब तक नहीं बदला गया है। इससे शाम होते ही इलाके में अंधेरा छा जाता है। यहां से एक सड़क तालाब होते हुए अस्पताल तक जाती है। रात के समय यहां से गुजरने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि स्ट्रीट लाइट जल्द लगाई जानी चाहिए।

आवास बोर्ड की ओर से निर्मित भवनों में मिले प्राथमिकता

स्थानीय लोगों ने कहा कि जगन्नाथपुर में सालों से रह रहे स्थानीय लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र में कई एकड़ भूमि झारखंड आवास बोर्ड ने ली है। इसमें आवासीय परिसर का निर्माण होना है। इन भवनों में यहां के स्थानीयों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही इनके लिए विशेष सब्सिडी दी जानी चाहिए। इसके लिए विभाग को हर घर का सर्वे करना चाहिए। पारदर्शी तरीके से आवास का आवंटन किया जाना चाहिए।

बारिश के समय इलाके में होता है जलजमाव

जगन्नाथपुर में कई इलाकों में अब तक कच्ची सड़कें हैं। वहां न तो नाली है और बिजली के पोल हैं। बारिश के दिनों में यहां के लाेग जलजमाव से परेशान रहते है। बरसात में नाली का पानी घरों में घुस जाता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार काे इस क्षेत्र में जल्द सड़क निर्माण कराना चाहिए। साथ ही सही ड्रेनेज के लिए नाली निर्माण कराया जाना चाहिए। वर्तमान में लोगों ने बिजली का कनेक्शन दूर करने के लिए पोल ले चुके हैं। इलाके में विभाग नए पोल लगाकर बिजली के पोल को व्यवस्थित करे, ताकि यहां के निवासियों को बुनियादी सुविधाओं का दंश क्षेलना ना पड़े। साथ ही नए लगे स्मार्ट मीटर में अधिक बील आने की भी लाेग शिकायत कर रहे हैं।

समस्याएं

1. जगन्नाथपुर क्षेत्र के लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं। यहां पानी की घोर कमी है।

2. कई जगह नहीं लगे हैं स्ट्रीट लाइट, जहां लगे हैं वहां काफी दिनों से खराब पड़े हैं।

3. सड़क और नाली का निर्माण नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी होती है।

4. खेल के मैदान नहीं होने से खेल प्रतियोगिताओं का ओयोजन नहीं हो पा रहा है।

5. जगन्नाथपुर तालाब में नगर निगम की ओर से बना दिया गया है डंपिग यार्ड

सुझाव

1. जगन्नाथपुर क्षेत्र में जलसंकट की कमी को समाप्त करने के लिए बाेरिंग की व्यवस्था की गई है।

2. इलाके में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए, रात के समय लोगों को आवागमन में सुविधा हो।

3. सड़क और नाली का निर्माण करवाया जाए, जिससे जलजमाव से निजात मिले।

4. खेल के मैदान आम लोगों के लिए बनाएं जाएं, जिससे खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो।

5. जगन्नाथपुर तालाब से डंपिग यार्ड हटाए जाएं और तालाब के संरक्षण के लिए काम हो।

बोले लोग

इस क्षेत्र के लोगों को आवास बोर्ड के बन रहे आवास में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही सभी को आवास सब्सिडी मूल्य पर उपलब्ध करवानी चाहिए। जगन्नाथपुर तालाब के संरक्षण के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। इस तालाब का पानी गंदा हो चुका है। निगम की ओर से तालाब के पास से डेपिंग यार्ड तुरंत हटाना चाहिए।

- परमेश्वर सिंह

इलाके में नशाखोरी बढ़ गई है। इससे चोरी-छिनतई की घटनाओं में इजाफा हुआ है। प्रशासन को नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ाई करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में बनी सड़कों पर स्पीड ब्रेकर नहीं हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहतीं हैं। विभाग को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर का निर्माण करवाना चाहिए।

- गणेश कुमार साहू

वर्तमान में इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे यहां बीमारी का खतरा रहता है। निगम की ओर से फॉगिंग नहीं होती है।

-सीता देवी

कई इलाकों में सड़क और नाली की समस्या है। यहां अब भी कच्ची सड़कें हैं। बारिश के दिनों में यहां चलना भी काफी मुश्किल होता है।

- संगीता देवी

स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली का बिल नहीं भेजा गया है। अगर एक बार में कई महीनों का बिल भेजा जाएगा तो उनपर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

-जितेंद्र कुमार

यहां खेल के मैदान खत्म हो गए हैं। पुराने मैदानों में कई तरह के निर्माण हो गए, जिस कारण बच्चों के खेलने के लिए जगह नहीं बची।

-अरुण कुमार

निगम कर्मी टैंकर से पानी मुहैया कराने के एवज में पैसे मांगते हैं। जिन जगहों से उन्हें पैसे मिलते हैं, वे उसी जगह पानी मुहैया कराते हैं।

- सरोज देवी

इलाके में नशाखोरी बढ़ गई है। युवा गलत संगत में जा रहे हैं। प्रशासन को नशा के खिलाफ अभियान चलाकर इसे रोकने की जरूरत है।

-सेट्ठी तिवारी

इस क्षेत्र में अधिकतर दिहाड़ी का काम करने वाले लोग रहते हैं। रोजगार की समस्या के कारण कई युवा भटकते रहते हैं।

-राहुल कुमार

नया वृद्धा पेंशन का लाभ लेने में परेशानी हो रही है। कई लोगों का राशन कार्ड में नाम भी नहीं जुड़ रहा है। इस क्षेत्र में पानी की बड़ी समस्या है।

-मिट्ठू देवी

कई क्षेत्र में बिजली के पोल नहीं हैं। इससे आंधी-पानी के समय बिजली के तार के टूटने का खतरा बना रहता है। विभाग यहां पोल लगवाए।

-बेबी देवी

राशन कार्ड में नया नाम नहीं जुड़ रहा है। इससे कई तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित रह जा रहे हैं। राशन कार्ड में नाम जोड़ा जाए।

-जूही कुमारी

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