आजकल कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए; निशिकांत दुबे
झारखंड की गोड्डा लोकसभा से सांसद डॉ निशिकांत दुबे का सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि आज कल मैं कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए हैं। आतंकवादियों ने कई लोगों को मारने से पहले कलमा पढ़ने के लिए कहा, जिन पर्यटकों ने कलमा नहीं पढ़ पाया उन्हें मौत के घाट उतार दिया। अब झारखंड की गोड्डा लोकसभा से सांसद डॉ निशिकांत दुबे का सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि आज कल मैं कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए।
सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कलमा की लाइन शेयर की। "अशहदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु।" इसके बाद सासंद ने लिखा कि आजकल कलमा सीख रहा हूं, पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए।
इस ट्वीट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं। हार्दिक नामक यूजर ने लिखा- में श्रीमद भगवद गीता का यह श्लोक पढ़ रहा हूँ। "तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः" यूजर ने आगे लिखा, इसका अर्थ है - है अर्जुन उठो... युद्ध के लिए दृढ़ निश्चय करो। इस तरह कुछ लोग निशिकांत दुबे का समर्थन करते नजर आए तो वहीं कई लोग विरोध के स्वर में लिखते दिखे।
वसीम अकरम नामक यूजर ने लिखा कि यानि तुमने स्वीकार कर लिया है कि तुम्हारे दल की सरकार इस देश के नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर सकती। उपदेश त्रिपाठी नामक एक अन्य यूजर ने लिखा कि आपका का मतलब है कि बीजेपी सरकार लोगो को सुरक्षा देने में नाकाम है।
निशिकांत दुबे ने इससे पहले भी कई पोस्ट किए हैं। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- देश का बँटवारा जब हिंदू व मुसलमान के नाम पर हो गया तो केवल वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यक के नाम पर मुसलमानों को ज़्यादा अधिकार देकर हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने वालों को आज पहलगाम की घटना पर बताना चाहिए कि आज की हत्या धर्म के आधार पर की गई या नहीं?