केमिकल से पकी लौकी और तोरई कर सकती है सेहत खराब, ऐसे करें फ्रेश सब्जी की पहचान
केमिकल से पकाई गई सब्जियां देखने में बेहद फ्रेश लगती है लेकिन व्यक्ति की सेहत के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं। ऐसे में अगर आपको केमिकल से पकाई गई लौकी और तोरई की पहचान करनी है तो ये किचन टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं।

बाजार से सब्जी खरीदते समय ज्यादातर लोग सब्जी का रंग और चमक देखकर उसके फ्रेश होने का अंदाजा लगाने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सब्जी खरीदने का यह बिल्कुल गलत तरीका है। आजकल बाजार में केमिकल से पकाई गई सब्जियां धड़ल्ले से बिक रही हैं। इस तरह की सब्जियां देखने में बेहद फ्रेश लगती है लेकिन व्यक्ति की सेहत के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं। ऐसे में अगर आपको केमिकल से पकाई गई लौकी और तोरई जैसी सब्जियों की पहचान करनी है तो ये किचन टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं।
केमिकल से पकाई गई लौकी और तोरई की पहचान करने के टिप्स
रंग देखकर पहचान करें
केमिकल से पकाई गई लौकी और तोरई का रंग असामान्य रूप से चमकीला हरा या पीला हो सकता है। जबकि नेचुरल तरीके से पकी लौकी का हल्का हरा और एक जैसा रंग होता है। बात अगर तोरई की करें तो उसमें अपनी प्राकृतिक चमक होती है।
कठोरता
केमिकल से पकाई हुई लौकी और तोरई को हल्का दबाने पर वह नरम लग सकती है। जबकि नेचुरल तरीके से पकी सब्जियां दबाने पर सख्त और ठोस होती हैं।
गंध
केमिकल से पकी लौकी और तोरी में हल्की रासायनिक गंध (जैसे कैल्शियम कार्बाइड) हो सकती है। जबकि प्राकृतिक रूप से पकी हुई सब्जियों से फ्रेश, मिट्टी जैसी गंध आती है।
छिलके से करें पता
केमिकल से पकाई गई लौकी और तोरई छिलका उतारने पर कम रस छोड़ती हैं। जबकि नेचुरल तरीके से पकी लौकी और तोरई छीलने पर ज्यादा पानी छोड़ती हैं।
सब्जी का छिलका
केमिकल से पकी सब्जियों का छिलका छूने पर ऊपर से चिकना और मोम लगा हुआ हो सकता है। जबकि प्राकृतिक तरीके से पकी लौकी और तोरई का छिलका हल्का खुरदरा या प्राकृतिक धब्बे वाला हो सकता है।
स्वाद
केमिकल से पकी सब्जियों का स्वाद कड़वा या बेस्वाद हो सकता है। वहीं नेचुरल तरीके से पकी लौकी और तोरई का स्वाद फ्रेश और हल्का मीठा हो सकता है।
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