सबसे खराब साबित हो सकती हैं खाने की ये चीजें, बढ़ा देती हैं बॉडी में इन्फ्लेमेशन
Inflammatory foods to avoid: शरीर में अगर ये खास 7 तरह के लक्षण लंबे समय से दिख रहे हैं तो इन्हें अवॉएड ना करें बल्कि डाइट से इन 6 तरह की चीजों को बिल्कुल बाहर कर दें। जो शरीर में तेजी से इन्फ्लेमेशन बढ़ाने का काम करती हैं।

बॉडी में इंफ्लेमेशन कई सारी समस्याओं की जड़ होता है। वैसे तो बॉडी में इन्फ्लेमेशन अच्छा होता है क्योंकि ये बाहरी नुकसान से शरीर को फाइट करने में मदद करता है। जैसे कभी इंफेक्शन हो गया या फिर चोट लग गई तो बॉडी में एंटीबॉडीज और प्रोटीन बनते हैं जो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर इसे ठीक करते हैं। लेकिन अगर क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन हो गया तो ये शरीर के टिश्यू और ऑर्गंस पर निगेटिव इफेक्ट डालता है। क्रॉनिक सूजन की वजह से कैंसर से लेकर स्ट्रोक तक होने का डर रहता है। शरीर में अगर क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन यानी सूजन हो रही है तो इसके कुछ लक्षण हैं जो बिल्कुल साफ दिखते हैं और आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बॉडी में सूजन हो गई है।
क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन के लक्षण
थकान
शरीर में दर्द
डिप्रेशन या फिर एंजायटी
गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल कॉम्प्लिकेशन यानि कि डायरिया या फिर कब्ज हो जाना
वजन का बढ़ना
या फिर, बजन का घटना
बार-बार इंफेक्शन हो जाना
शरीर में दिखने वाले ये लक्षण कम या ज्यादा हो सकते हैं। साथ ही ये कई महीने या फिर सालों में दिखते हैं।
खाने की इन चीजों से शरीर में बढ़ता है इन्फ्लेमेशन
ब्रेड
होल व्हीट ब्रेड को काफी सारे लोग हेल्दी समझकर खाते हैं। लेकिन ये कई सारे लोगों में इन्फ्लेमेशन बढ़ा देती है। रिसर्च के मुताबिक ग्लूटन और खास तरह के प्रोटीन शरीर में लो ग्रेड इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर करते हैं। एक तरह से जिन लोगों को गेंहू से सेंसेटिविटी रहती है या उन्हें व्हीट इन्टोलेरेंस के बारे में नहीं पता होता। उन्हें होल व्हीट ब्रेड से इन्फ्लेमेशन हो जाती है।
फ्राईड फूड्स
फ्राईड फूड्स फ्रेंच फ्राईज, फ्राईड चिकन, प्याज के पकौड़े अक्सर खाते रहते हैं तो सावधान रहें। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन 2023 की रिपोर्ट के अनुसार कमर्शियल फ्राईंग के लिए जो तेल यूज होता है खासतौर जब इसे दोबारा यूज करते हैं तो खास तरह का कंपाउंड प्रोड्यूस करता है जिसे एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स कहते हैं। जो बॉडी में एक्टिव तरीके से इन्फ्लेमेशन बढ़ाता है। जिसकी वजह से ऑर्थराइटिस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम होता है। वहीं हाई हीट में तलने से ट्रांस फैट क्रिएट होता है जो हार्ट डिसीज और इन्फ्लेमेशन बढ़ाता है।
दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स
कुछ लोगों में दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स को खाने की वजह से भी इन्फ्लेमेशन हो जाता है। खासतौर पर जिन लोगों को लेक्टोज इनटोलेरेंस की समस्या है उनमे डेयरी इम्यून सिस्टम को ट्रिगर करता है और बॉडी में इन्फ्लेमेशन होता है। हालांकि ये इन्फ्लेमेशन लो लेवल का होता है। जिसकी वजह से ब्लॉटिंग, स्किन में सूजन और ज्वाइंट्स में स्टिफनेस हो जाती है। वहीं फुल फैट मिल्क में हाई सैचुरेटेड फैट होता है जो इन्फ्लेशन से लिंक है।
रिफाइंड शुगर
सोडा ड्रिंक, टॉफी, कैंडी और कई सारे मीठे पैक्डफूड को खाने से इन्फ्लेमेशन तेजी से बढ़ती है बॉडी में। ज्यादा मात्रा में शुगर खाने से ब्लड ग्लूकोज तेजी से स्पाइक होता है और बॉडी में इन्फ्लेमेशन होता है।
आर्टीफिशियल स्वीटनर
चीनी की जगह अगर आर्टीफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं तो ये कुछ लोगों में गट बैक्टीरिया को बढ़ाने के साथ ही इन्फ्लेशन को भी बढ़ा देते हैं। डाइट सोडा या शुगर फ्री कैंडी खाने के बाद अगर सिर दर्द, ज्वाइंट पेन, स्किन में समस्या हो रही है तो ये मेटाबॉलिक डिसीज की ओर इशारा करते हैं।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स
ब्रेड, चावल जैसे प्रोडक्ट जिसमे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स होते है। उनमे फाइबर और न्यूट्रिएंट्स निकल चुके होते हैं। इन्हें खाने से तेजी से ब्लड शुगर स्पाइक होता है और बॉडी में इन्फ्लेमेशन बढ़ता है। 2024 में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक साबुत अनाज की तुलना में रिफाइंड अनाज को ज्यादा खाने से सूजन ज्यादा बढ़ती है।
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