महाभारत काल से जुड़ा है दिल्ली के कालकाजी मंदिर का इतिहास, पढ़ें इससे जुड़ी अनसुनी बातें Interesting facts about Kalkaji Temple New Delhi historically linked with Mahabharat, Travel news in Hindi - Hindustan
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महाभारत काल से जुड़ा है दिल्ली के कालकाजी मंदिर का इतिहास, पढ़ें इससे जुड़ी अनसुनी बातें

इस मंदिर का इतिहास जितना पुराना है, उतनी ही दिलचस्प हैं उससे जुड़ी कथाएं और घटनाएं। चलिए जानते हैं कालकाजी माता मंदिर से जुड़ी कुछ खास और दिलचस्प बातें।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानThu, 12 June 2025 01:20 PM
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महाभारत काल से जुड़ा है दिल्ली के कालकाजी मंदिर का इतिहास, पढ़ें इससे जुड़ी अनसुनी बातें

देश की राजधानी दिल्ली की चहल-पहल भरी जिंदगी में कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां पहुंचते ही आत्मा को सुकून और शांति मिलती है। कालकाजी माता का मंदिर उन्हीं पवित्र जगहों में से एक है। ये मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि इतिहास, मान्यताओं और चमत्कारों से जुड़ा ऐसा स्थान है, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। साल भर यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। खासतौर पर नवरात्रों में तो यहां मेले जैसा माहौल होता है। इस मंदिर का इतिहास जितना पुराना है, उतनी ही दिलचस्प हैं उससे जुड़ी कथाएं और घटनाएं। चलिए जानते हैं कालकाजी माता मंदिर से जुड़ी कुछ खास और दिलचस्प बातें।

महाभारत काल से है कालकाजी मंदिर का संबंध

कालकाजी मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब पांडवों ने कुरुक्षेत्र का युद्ध जीत लिया था, तब उन्होंने कई धार्मिक स्थानों की यात्रा की और वहां मंदिरों का निर्माण कराया। दिल्ली का ये पवित्र मंदिर उन्हीं में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि पांडवों ने यहां देवी कालका की पूजा की थी, जिससे उन्हें शक्ति, साहस और विजय का आशीर्वाद मिला। तभी से इस मंदिर को चमत्कारी माना जाता है और यहां आने वाला हर भक्त मन में ये विश्वास ले कर आता है कि उसकी सभी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी।

औरंगजेब ने किया था इस मंदिर को नष्ट करने प्रयास

इतिहास के अनुसार एक समय ऐसा भी आया जब कालकाजी मंदिर को संकट का सामना करना पड़ा था। दरअसल मुगल सम्राट औरंगजेब ने अपने शासन काल में देश के कई मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया था। उसी दौरान कालकाजी मंदिर पर भी हमला हुआ था और इसके कुछ हिस्सों को तोड़ दिया गया। हालांकि मंदिर को पूरी तरह नष्ट नहीं किया जा सका। बाद में औरंगजेब की मृत्यु के बाद 18वीं शताब्दी में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। आज भी मंदिर के कुछ भाग, जैसे हवन स्थल आदि वैसे ही हैं, जैसा इसे पहली बार बनाया गया था।

यहीं हुआ था मां कालका का अवतार

कालकाजी मंदिर की सबसे पवित्र और श्रद्धा से जुड़ी मान्यता यह है कि यही वो स्थान है, जहां देवी कालका ने अवतार लिया था। पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय ऐसा था जब यहां राक्षसों ने उत्पात मचाया हुआ था। तब कौशिकी देवी ने राक्षसों का नाश करने के लिए अवतार लिया था। उन्हीं की भौंहों से देवी कालका प्रकट हुईं और उन्होंने सभी राक्षसों का वध कर इस भूमि को पवित्र किया। तब से यह स्थान उनका स्थायी निवास बन गया और यहां उनकी पूजा की जाने लगी।

ग्रहण के समय भी खुला रहता है मंदिर

जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत में अधिकतर मंदिर ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि इस समय को अशुभ माना जाता है। लेकिन कालकाजी मंदिर इस परंपरा से अलग है। यहां ग्रहण के समय भी मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुले रहते हैं। यही कारण है कि उन विशेष समयों पर यहां भीड़ और भी ज्यादा बढ़ जाती है। मान्यता है कि मां कालका इतनी शक्तिशाली हैं कि ग्रहण जैसे समय का उन पर कोई असर नहीं होता। यही नहीं, यह भी माना जाता है कि मां के मंदिर में बारह राशियां और नौ ग्रह निवास करते हैं, इसलिए यहां आने से ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं।

मंदिर के पास हैं घूमने की कई जगहें

कालकाजी मंदिर आने वाले श्रद्धालु आसपास के कुछ और प्रमुख धार्मिक और दर्शनीय स्थलों की भी यात्रा कर सकते हैं। इस मंदिर से केवल 600 मीटर की दूरी पर कमल मंदिर स्थित है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर इस्कॉन मंदिर भी स्थित है, जो भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। ये दोनों स्थान कालकाजी मंदिर के पास ही हैं और टैक्सी या मेट्रो से यहां पहुंचना बेहद आसान है।

कैसे पहुंचे कालकाजी मंदिर

दिल्ली के कालका जी मंदिर पहुंचने के लिए आप मेट्रो, बस, कैब या ऑटो की मदद ले सकते हैं। दिल्ली मेट्रो के वायलेट लाइन पर 'कालका जी मेट्रो स्टेशन' से बाहर निकलते ही कालकाजी मंदिर पास में ही मिल जाएगा। वहीं अगर आप बस से मंदिर जाना चाहते हैं तो दिल्ली परिवहन निगम की बसें कालकाजी मंदिर के पास तक जाती हैं। इसके अलावा आप कैब और ऑटो बुक करके भी मंदिर पहुंच सकते हैं। न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन से कालकाजी मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। वहीं कश्मीरी गेट बस अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है।

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