सोनम और राज का फुलप्रूफ प्लान ऐसे हुआ फेल, जानिए पुलिस ने कैसे सॉल्व की मर्डर मिस्ट्री
मेघालय पुलिस ने सोनम और राज कुशवाहा की साजिश को नाकाम कर राजा रघुवंशी हत्याकांड सुलझाया। सीसीटीवी, फोरेंसिक सबूत और गवाहों के बयान से पांच आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।

इंदौर के नवविवाहित कपल राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की मेघालय हनीमून ट्रिप एक खौफनाक मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो गई। मेघालय पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड को सुलझाने में जो तफ्तीश की, वह किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं। सोनम और उनके प्रेमी राज कुशवाहा का फुलप्रूफ मर्डर प्लान कैसे फेल हुआ और पुलिस ने कैसे हर कदम पर सुरागों को जोड़कर इस रहस्य से पर्दा उठाया, आइए हर एक बात समझते हैं।
हनीमून से शुरू हुई कहानी
11 मई 2025 को इंदौर में राजा और सोनम की शादी हुई। नौ दिन बाद, 20 मई को यह कपल हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुआ। पहले कश्मीर जाने का प्लान था, लेकिन आतंकी हमले की खबरों के बाद उन्होंने शिलांग की खूबसूरत वादियों को चुना। 21 मई को दोनों एक होमस्टे में चेक-इन करते हैं, जिसका सीसीटीवी फुटेज बाद में पुलिस के लिए अहम सुराग बना।
जब रहस्यमई ढंग से गायब हो गए दोनों
23 मई को सुबह 6 बजे, राजा और सोनम होमस्टे से चेक-आउट करते हैं और किराए की स्कूटी पर सैर के लिए निकलते हैं। इसके बाद उनका परिवार से संपर्क टूट जाता है। 24 मई को उनकी स्कूटी सोहरा के पास लावारिस हालत में मिलती है। 28 मई को जंगल में उनके बैग बरामद होते हैं, लेकिन कोई और सुराग नहीं मिलता।
पहला बड़ा सुराग: राजा का शव और टैटू की पहचान
2 जून 2025 को मेघालय पुलिस को वेईसावडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई में राजा का सड़ा-गला शव मिलता है। शव की हालत इतनी खराब थी कि चेहरा पहचानना मुश्किल था, लेकिन राजा के हाथ पर बने 'राजा' टैटू ने उसकी शिनाख्त पक्की की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राजा के सिर पर धारदार हथियार से दो बार प्रहार किया गया था, जिससे हत्या की पुष्टि हुई। शव के पास से एक महिला की सफेद शर्ट, टूटी मोबाइल स्क्रीन और एक रेनकोट मिला, जिसने पुलिस का शक गहराया।
टूरिस्ट गाइड की गवाही के बाद केस में नया मोड़
मावलाखियात के टूरिस्ट गाइड अल्बर्ट पी.डी. ने पुलिस को बताया कि 23 मई को उसने राजा और सोनम को तीन अन्य पुरुषों के साथ देखा था। गाइड ने बताया कि कपल ने उनकी बजाय एक अन्य गाइड 'भा वानसाई' को हायर किया था। इस गवाही ने पुलिस को संदिग्धों की तलाश में नई दिशा दी। गाइड की जानकारी ने मामले को और पेचीदा बनाया, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण सुराग साबित हुआ।
सोनम पर कैसे हुआ शक
शव मिलने के बाद सोनम का लापता होना और उसका लगातार परिवार व पुलिस को गुमराह करना पुलिस के लिए संदेह का कारण बना। सोनम ने अपनी सास को भेजे एक वॉइस मैसेज में कुछ अस्पष्ट बातें कही थीं, जिसने पुलिस का ध्यान उसकी ओर खींचा। इसके अलावा, शव के पास मिली सफेद शर्ट और रेनकोट (जिसका साइज 3XL था) ने पुलिस को सोनम की भूमिका पर सवाल उठाने के लिए मजबूर किया।
लव ट्रायंगल का हुआ खुलासा
पुलिस की गहन जांच में पता चला कि सोनम का इंदौर के राज कुशवाहा नामक युवक के साथ लंबे समय से प्रेम संबंध था। दोनों ने मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने सोनम और राज के बीच फोन कॉल और चैट्स की जांच की, जिससे उनकी साजिश का पर्दाफाश हुआ। यह खुलासा इस बात का सबूत था कि हत्या कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक प्री-प्लॉटेड मर्डर था।
फिर शुरू हुआ गिरफ्तारी का सिलसिला
8 जून 2025 को सोनम गाजीपुर के एक ढाबे पर बदहवास हालत में मिली। उसने ढाबा मालिक साहिल यादव से फोन मांगकर अपने भाई गोविंद से बात की और फिर सरेंडर कर दिया। सोनम ने दावा किया कि उसे अगवा किया गया था, लेकिन पुलिस ने इसे गुमराह करने की कोशिश माना। इसके बाद पुलिस ने राज कुशवाहा, विशाल चौहान, आकाश राजपूत, और आनंद नामक चार अन्य आरोपियों को मध्य प्रदेश और गाजीपुर से गिरफ्तार किया। मेघालय पुलिस ने सभी को ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग ले जाया।
मेघालय पुलिस की सटीक रणनीति और SIT की भूमिका
मेघालय पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसका नेतृत्व SP हर्बर्ट खारकोंगोर कर रहे थे। SIT ने कई बड़े कदम उठाए:
- सीसीटीवी फुटेज की जांच: होमस्टे और आसपास के इलाकों के फुटेज से कपल की आखिरी गतिविधियों का पता लगाया गया।
- फोरेंसिक जांच: शव के पास मिले रेनकोट और अन्य सामानों की फोरेंसिक जांच की गई।
- गवाहों के बयान: टूरिस्ट गाइड और स्थानीय लोगों से पूछताछ ने संदिग्धों की पहचान में मदद की।
- मोबाइल डेटा: सोनम और राज कुशवाहा के फोन रिकॉर्ड्स और चैट्स ने साजिश की कहानी को उजागर किया।
- अंतरराज्यीय सहयोग: मेघालय पुलिस ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर आरोपियों को पकड़ा।
मास्टरमाइंड का पर्दाफाश
मेघालय पुलिस ने बताया कि सोनम और राज कुशवाहा ने तीन कॉन्ट्रैक्ट किलर्स आकाश, विशाल, और आनंद को हायर किया था। सोनम ने अपने पति को चेरापूंजी के सुनसान इलाके में ले जाकर हत्या को अंजाम दिया। हत्या के बाद, सभी आरोपी शिलांग से गुवाहाटी पहुंचे और वहां से अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए। पुलिस ने ट्रेन टिकट्स और सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी मूवमेंट ट्रैक की।
मेघालय पुलिस की त्वरित कार्रवाई, गवाहों के बयान, फोरेंसिक सबूत, और अंतरराज्यीय सहयोग ने इस सनसनीखेज हत्याकांड को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। सोनम और राज कुशवाहा का फुलप्रूफ प्लान पुलिस की सतर्कता और सूझबूझ के सामने फेल हो गया। अब सभी आरोपी शिलांग कोर्ट में पेश किए जाएंगे, जहां इस मर्डर मिस्ट्री का अंतिम अध्याय लिखा जा सकता है।