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6 साल बाद कागजों पर जिंदा हो गई महिला,लाडली बहना का पैसा भी रुक गया, MP में गजब केस

  • मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक 46 वर्षीय महिला लगभग छह महीने तक 'मृत' रहने के बाद अब सरकारी कागजों में जिंदा हो गई है,लेकिन अब वह लाडली बहनों में शामिल नहीं है। उमा कुशवाहा के पति का निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था,जिसके बाद अधिकारियों ने सरकारी समग्र रिकॉर्ड से उनका नाम काट दिया था।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, शहडोलTue, 8 April 2025 04:45 PM
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6 साल बाद कागजों पर जिंदा हो गई महिला,लाडली बहना का पैसा भी रुक गया, MP में गजब केस

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक 46 वर्षीय महिला लगभग छह महीने तक 'मृत' रहने के बाद अब सरकारी कागजों में जिंदा हो गई है,लेकिन अब वह लाडली बहनों में शामिल नहीं है। उमा कुशवाहा के पति का निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था,जिसके बाद अधिकारियों ने सरकारी समग्र रिकॉर्ड से उनका नाम काट दिया था। उमा कुशवाहा का कहना है कि यह जानबूझकर किया गया,जबकि अधिकारियों का कहना है कि यह गलती से हुआ।

इस साल मार्च के अंत में सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें दोबारा जीवित दिखाया गया,लेकिन हालात अब भी सामान्य से बहुत दूर हैं। न तो उन्हें और न ही अधिकारियों को पता है कि उन्हें लाडली बहना योजना के तहत हर महीने 1,250 रुपये कब मिलने शुरू होंगे। उन्हें पिछली किस्त पिछले साल नवंबर में मिली थी। उमा ने कहा,"मेरे पति के मरने के बाद लाडली बहना भत्ता मेरे लिए बहुत मददगार था।"

महिला ने आगे बताया कि मेरी हालत ऐसी थी कि मुझे उनके अंतिम संस्कार के लिए 20,000 रुपये का कर्ज लेना पड़ा। लेकिन लाडली बहना योजना के पैसे नवंबर 2024 के बाद अचानक बंद हो गए। बेखबर और चिंतित होकर,मैं गांव के 'रोजगार सहायक'के पास गई। उन्होंने TOI से बातचीत में कहा कि वह जनपद कार्यालय से पता करेंगे,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

उमा कुशवाहा ने आगे कहा कि जनवरी में मैंने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। तब,कुछ अधिकारियों ने मुझे बताया कि समग्र रिकॉर्ड में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है। तब से,मैंने कई शिकायतें की हैं। अब मुझे बताया गया है कि रिकॉर्ड ठीक कर दिए गए हैं,लेकिन मुझे अभी तक विधवा पेंशन या लाडली बहना योजना की किस्त नहीं मिली है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कि उनके पति की मृत्यु के बाद स्थानीय रोजगार सहायक उनका नाम कैसे काट सकता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार,रोजगार सहायक शिवराम सिंह कंवर ने कहा कि यह गलती से हुआ और इसे ठीक कर दिया गया। उनके पति की मृत्यु हो गई थी। उनके आईडी के बजाय,गलती से उनका आईडी सिस्टम में डाल दिया गया था। पंचायत सचिव श्याम सुंदर पाव ने कहा,"यह रोजगार सहायक की गलती थी,लेकिन जैसे ही यह हमारी जानकारी में आया,सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसमें कुछ समय लगा। हम यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें एनएसएसएस के तहत 20,000 रुपये की सहायता मिले।" यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी लाडली बहना योजना का भुगतान भी फिर से शुरू होगा,पाव ने कहा,"पोर्टल अभी बंद है। इसे पोर्टल खुलने पर ही ठीक किया जा सकता है।" लाडली बहना योजना का पंजीकरण फिलहाल बंद है।

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