डोनाल्ड ट्रंप के करीबी से गाली-गलौज, कैसे चार महीने में ही एलन मस्क का राजनीति से हो गया मोहभंग?
एलन मस्क का चार महीने में ही राजनीति से मोहभंग हो गया है। डीओजीई की जिम्मेदारी संभालने के बाद उनसे ना तो अधिकारी खुश थे और ना ही आम जनता। मस्क ने कहा कि वह अपने कारोबार पर फोकस करना चाहते हैं।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद उनके अलावा अगर कोई दूसरा नाम सबसे ज्यादा गूंजा था तो वह था टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का। सरकार बनन के बाद ऐसा लग रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप अब सारे काम एलन मस्क के ही इशारे पर करने वाले हैं। मस्क ने राष्ट्र्पति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के लिए करीब 300 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए। इसका ईनाम में उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण पद के तौर पर मिला। मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का हेड बनाया गया। पद संभालते ही एलन मस्क ने अमेरिका के सरकारी विभागों में तहलका मचा दिया। बड़े पैमाने पर छंटनी की गई। कई विभाग बंद कर दिए गए। हालांकि अब एलन मस्क का राजनीति से मोहभंग होता नजर आ रहा है। राजनीति में आने के बाद उनकी कंपनी टेस्ला और स्टारलिंक का भी बुरा समय शुरू हो गया। बीते दिनों एलन मस्क ने साफ कह दिया कि अब वह बिजनस पर फोकस करना चाहते हैं ।
वाइट हाउस के ट्रेजरी सेक्रेटरी से हो गया था बवाल?
डीओजीई हेड का पद संभालने के बाद एलन मस्क के फैसलों से सरकारी अधिकारी खुश नहीं थे। उन्हें बड़े स्तर पर आम लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा था। दूसरी तरफ कई बार ऐसी खबरें आईं कि ट्रंप सरकार के सीनियर अधिकारियों के साथ उनकी बहस हो गई। 'द अटलांटिक' में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो वाइट हाउस के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट और एलन मस्क के बीच गाली गलौज तक की नौबत आ गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक आईआरएस अधिकारी के चयन को लेगर बेसेंट और एलन मस्क में ठन हई। वेस्ट विंग में उन दोनों के बीच गाली गलौज तक शुरू हो गई। यह बहस ओवल हाउस के बिल्कुल करीब ही हो रही थी।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब चीन समेत कई देशों पर भारी भरकम टैरिफ लगाने के बाद टेस्ला को भी बड़ा नुकसान हुआ था। टैरिफ की आंधी में एलन मस्क की दौलत 30 हजार करोड़ से कम हो गई थी। यह भी बताया गया था कि एलन मस्क ने व्यक्तिगत तौर पर डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ की नीति पर पीछे कदम हटाने की अपील की थी। हालांकि उस समय उनकी एक नहीं मानी गई। ट्रंप के फैसले से उनके शेयर बुरी तरह टूट गए थे।
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान भी डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को आगे रखा था। वहीं राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें सरकारी विभागों में खर्च में कटौती और ज्यादा प्रोडक्टिविटी सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया। एलन मस्क ने एडवांस्ड ऑटोमेशन लागू करने और नौकरशाही में बड़ा बदलाव करने का जिम्मा संभाला। वह टेस्ला स्टाइल में काम करने लगे जो कि उनके विरोधी की वजह बन गया। हर जगह वह डिजिटाइजेशन को लागू करने लगे और कर्मचारियों में कटौती करने लगे। डोनाल्ड ट्रंप के कई करीबी ही उनके विरोधी बन गए। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की असमंजस की स्थिति में आ गए। एक की वजह से वह कई लोगों को नहीं छोड़ सकते थे।
दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों से ही एलन मस्क को नुकसान होने लगा। वह टेस्ला पर भी कम ध्यान दे पा रहे थे। दूसरी तरफ उनके टेस्ल ऑफिस के बाहर भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। फरवरी और मार्च के दौरान हाल यह था कि सप्ताह में डोनाल्ड ट्रंप कं से कम तीन या चार बर एलन मस्क के लिए स्पेशल पोस्ट करते थे। हालांकि पालिटिको की रिपोर्ट की मानें तो एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत भी बंद हो गई। एलन मस्क को जनता भाव नहीं दे रही थी।
एलन मस्क के विवादित व्यवहार और ईवी की दुनिया में बढ़ती स्पर्धा के चलते उनकी कंपनी को भी घाटा होने लगे। आमजनता की नाराजगी, एलन मस्क के ध्यान ना देने और प्रोडक्ट टारगेट पूरा ना होने की वजह से टेस्ला और स्टारलिंक के शेयर होल्डर भी भड़क उठे। एलन मस्क को सरकार में भी साइडलाइन किया जा रहा था। ऐसे में मस्क को खुलकर कहना पड़ गया कि अब वह ट्रंप के लिए कम और टेस्ला के लिए ज्यादा काम करेंगे।
दरअसल एलन मस्क के विचार और काम करने का तरीका राजनीति के हिसाब से सूट नहीं कर रहा था। मस्क ने कहा कि वह कम से कम अगले पांच साल तक टेस्ला के सीईओ के तौर पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार में शामिल होने का कोई पछतावा नहीं है। एलन मस्क ने राजनीति से किनारा कर जब बिजनस में वापसी की तो पब्लिक ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया। एक महीने में ही उनके स्टॉक 50 फीसदी के करीब बढ़ गए।