क्या AIADMK से गठबंधन के लिए BJP ने अन्नामलाई को हटाया? गृहमंत्री अमित शाह ने दिया जवाब
- Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने AIADMK के साथ गठबंधन करने के लिए पार्टी राज्य ईकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई को पद से हटाया है।

तमिलनाडु में पुराने साथी बीजेपी और एआईएडीएमके एक बार फिर से साथ आ गए हैं। लेकिन इसके पहले भाजपा की तरफ से राज्य इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई की जगह पर तिरुनेवेली के विधायक नैयनार नागेंद्रन को राज्य इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इससे राजनैतिक गलियारों में यह अटकलें लगाई जाने लगी की अन्नामलाई को गठबंधन की वजह से अपना पद खोना पड़ा है। कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
अन्नामलाई से जुड़ी बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "यह बिल्कुल भी सच नहीं है।" शाह ने मुस्कुराते हुए अपने पास में बैठे अन्नामलाई की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह आज भी हमारे राज्य अध्यक्ष हैं और इसीलिए वह मेरे साथ बैठे हैं।
भाजपा और एआईएडीएमके के गठबंधन की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि दोनों दल आगामी तमिलनाडु चुनाव एक साथ लड़ेंगे। गृहमंत्री ने कहा, "दोनों पार्टियों के नेताओं ने एनडीए के बैनर तले सहयोगियों के साथ मिलकर अगला तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर एआईएडीएमके प्रमुख एडापड्डी पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।"
गृहमंत्री ने दोनों पार्टियों के पुराने साथ पर रोशनी डालते हुए कहा कि एक तरह से दोनों दल 1998 से ही एनडीए का हिस्सा है और लंबे समय तक पीएम मोदी और स्वर्गीय जयललिता जी साथ मिलकर राष्ट्रीय राजनीति में काम कर चुके हैं। एक समय पर हमारे गठबंधन ने राज्य की 39 में से 30 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। हमें उम्मीद है कि एक बार फिर हम वह दोहराने में कामयाब होंगे और एनडीए को भारी बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने का अवसर मिलेगा।
आपको बता दें कि के अन्नामलाई के बयान के बाद ही भाजपा और एआईएडीएमके का गठबंधन टूटा था। उस समय भी एआईडीएमके ने अन्नामलाई से माफी मांगने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। पार्टी ने भाजपा आलाकमान से अन्नामलाई को पद से हटाने के लिए कहा लेकिन आलाकमान ने भी अपने सहयोगी की बात सुनने से इनकार कर दिया। इस पर एआईडीएमके ने एनडीए से किनारा कर लिया। लेकिन लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों को गठबंधन में फूट का भारी नुकसान उठाना पड़ा। दोनों ही पार्टियां यहां एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। हाल ही में आए वक्फ संशोधन विधेयक पर भी एआईडीएमके ने विरोध में वोट किया था।