अमृतसर में छाया अंधेरा, मॉक ड्रिल के तहत दोबारा हुई बिजली गुल; लोगों से घरों में रहने की अपील
दुश्मन के हमलों जैसी स्थितियों से निपटने के लिए पंजाब में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट रिहर्सल हुई। मॉक ड्रिल के तहत अमृतसर में फिर अंधेरा छा गया है, प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने और घबराने से बचने को कहा।

पंजाब के कई जिलों में बुधवार को अचानक सायरन गूंजे, बिजली गुल हुई और शहरों की रफ्तार थम गई। अमृतसर में जिला प्रशासन ने एक बार फिर ब्लैकआउट प्रक्रिया शुरू कर दी है और लोगों को साफ शब्दों में हिदायत दी है कि वो घरों में ही रहें, बाहर ना निकलें और घबराएं नहीं। गौरतलब है कि इससे पहले भी मॉक ड्रिल के दौरान बिजली गुल की गई थी।
डिप्टी पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (डीपीआरओ) अमृतसर की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “जिला प्रशासन पूरी एहतियात बरतते हुए एक बार फिर ब्लैकआउट प्रक्रिया चला रहा है। कृपया अपने घरों से बाहर ना निकलें, घबराएं नहीं, और घर के बाहर की लाइटें बंद रखें।”
रिपोर्ट्स की मानें तो अमृतसर के पश्चिमी इलाकों में धमाके की आवाज सुनी गई, जिससे लोगों में खौफ है। आजतक की रिपोर्ट की मानें तो इस बाबत बोलते हुए पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने कहा, "मैंने भी धमाकों की आवाज सुनी है, लेकिन हमने मौके पर जाकर जांच की और कुछ नहीं मिला। हमने सावधानी बरतते हुए ब्लैकआउट कर दिया है।"
पंजाब के कई शहरों में हुआ मॉक ड्रिल
इस रिहर्सल का मकसद है राज्य के इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम को परखना और किसी भी आपदा या युद्ध जैसे हालात में जनता की तैयारियों को मजबूत बनाना। अमृतसर के अलावा लुधियाना, फिरोजपुर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पठानकोट, पटियाला, बरनाला और मोहाली में भी इस मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ।
मोहाली और चंडीगढ़ में शाम 7.30 से 10 मिनट तक बिजली बंद रखी गई, वहीं लुधियाना में रात 8 से 8.30, संगरूर में 8.30 से 8.40 और फिरोजपुर में 9 से 9.30 तक ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान बाजारों और मॉल्स में बिजली काट दी गई, लेकिन अस्पतालों और मेडिकल फैसिलिटीज को इससे बाहर रखा गया।
चंडीगढ़ में सेक्टर-17 स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे सहित तीन जगहों पर एक साथ सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल भी की गई जिसमें हाई-इंटेंसिटी इमरजेंसी सिचुएशन्स को रीक्रिएट किया गया। प्रशासन का कहना है कि ऐसे अभ्यास जनता की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति में बिना अफरा-तफरी के सही प्रतिक्रिया दी जा सके।