मुर्शिदाबाद हिंसा से बचकर भागे लोग घर लौट रहे, सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम; अब कैसा है माहौल
- जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय उनका स्वागत करने के लिए मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, '50 लोगों को छोड़कर सभी मालदा से लौट आए हैं। हम उन्हें लेने आए हैं। अब स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है।'

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद घर छोड़कर भागे लोग अपने लौट रहे हैं। धुलियान से भागकर ये मालदा के राहत शिविर में शरण लिए हुए थे। रविवार को इन्हें भारी सुरक्षा के बीच वापस लाया गया। वीडियो में दिख रहा है कि विस्थापित लोग नावों में बैठकर भगीरथी नदी पार कर रहे हैं और उनके साथ सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय उनका स्वागत करने के लिए मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, '50 लोगों को छोड़कर सभी मालदा से लौट आए हैं। हम उन्हें लेने आए हैं। अब स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है।'
पुलिस कमीश्नर ने मुर्शिदाबाद हिंसा के बारे में कहा, 'हम पहले दिन से लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं। कल हमने 2 लोगों को अरेस्ट किया जिनमें एक हत्या और दूसरा दंगा करने का आरोपी है। अब तक 153 मामले दर्ज किए गए हैं और 292 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।' मालूम हो कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान दंगा हुआ था। इसके बाद, मुर्शिदाबाद जिले से कई लोग भागकर मालदा में अस्थायी शरण लेने पहुंचे थे। मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई झड़पों में 3 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए।
TMC ने बताया मुर्शिदाबाद का माहौल
आज टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान और समशेरगंज के टीएमसी विधायक अमीरुल इस्लाम मौके पर मौजूद थे। रहमान ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि धुलियान से पलायन करने वाले हमारे दोस्त अब अपनी मर्जी से घर लौट रहे हैं। धुलियान का माहौल बहुत शांतिपूर्ण है। यही सभी चाहते हैं और यह ऐसा ही रहेगा।' अमीरुल इस्लाम ने दावा किया कि लोगों को वापस नहीं लाया गया, बल्कि अपनी मर्जी से धुलियान लौटे हैं। उन्होंने कहा, 'उनके इलाके के घरों में तोड़फोड़ नहीं हुई, वे सिर्फ डर के कारण भाग गए थे। अब वे घर लौट रहे हैं। हमारा शहर सामान्य स्थिति में लौट रहा है। 7 दिन हो गए और स्थिति शांतिपूर्ण है। हमारा भाईचारा कायम रहेगा।'
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी उठाई आवाज
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पीड़ितों की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे शीघ्र ही केंद्र को सौंपा जाएगा। रहाटकर ने कहा कि पिछले दो दिनों में वह और समिति की अन्य सदस्य कई महिलाओं, उनके परिवारों और बच्चों से मिली हैं। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि पीड़िताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, वे कल्पना से परे हैं, जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उनके मन पर गहरा घाव छोड़ गई हैं जिन्हें मानवीय दृष्टिकोण के साथ तत्काल भरने और समाधान करने की जरूरत है। उन्होंने राज्य प्रशासन की ओर से विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करते हुए कहा, ‘शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।’