100 KM अंदर घुसकर मारा, पीएम मोदी ने 13 दिन पहले ही कर दिए थे 3 इशारे
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों और उनके मुख्यालयों को ध्वस्त कर दिया है।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान में दहशतगर्दों पर बेहद घातक प्रहार किया है। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों और उनके मुख्यालयों को ध्वस्त कर दिया है। आतंकी हमले के बाद भारत का जवाब किस तरह का होगा, इसको लेकर पीएम मोदी ने 13 दिन पहले ही तीन इशारे कर दिए थे। अब कुछ उसी तरह का ऐक्शन देखने को मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को बिहार की धरती से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को संदेश दे दिया था। झंझापुर के विदेश्वरस्थान में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने तीन बातें साफ कर दी थीं। पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकियों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा दी जाएगी। आतंकियों और उनके आकाओं ने कल्पना नहीं की होगी कि इस तरह पाकिस्तान के बेहद अंदरुनी इलाकों में मौजूद आतंकी ठिकानों को भी भारत निशाना बना सकता है। भारतीय वायुसेना ने मिसाइलों के जरिए सीमा से 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर तक में हमला किया है।
पीएम मोदी ने दूसरे इशारे में कहा था कि आतंकवादियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिला दिया जाएगा। ध्यान रहे कि भारत ने इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक करके पीओके में आतंकियों के कई लॉन्चिंग पैड्स को नष्ट कर दिया था। अब पीएम ने इशारा कर दिया था कि उन जगहों पर प्रहार किया जाएगा, जहां आतंकी छिपे हुए हैं। पीएम ने कहा था, 'मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने यह हमला किया है उन आतंकियों को और इन हमलों की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर के रहेगी। अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।'
तीसरे इशारे के तौर पर पीएम मोदी ने किया था वह यह कि आतंकियों और उनके आकाओं की कमर तोड़ दी जाएगी। ऐसा करने के लिए ही भारतीय वायुसेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वॉर्टर पर मिसाइलों से धमाका कर दिया है।
पीएम ने उस दिन क्या-क्या कहा था?
पीएम मोदी ने पहलगाम हमले को लेकर कहा था- 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है उससे पूरा देश व्यथित है। कोटि-कोटि देशवासी दुखी है। सभी पीड़ित परिवारों के दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है वे जल्द स्वस्थ हों इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी था, कोई उड़िया था, कोई गुजराती और कोई बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख, आक्रोश एक जैसा है। यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है। देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने यह हमला किया है उन आतंकियों को और इन हमलों की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर के रहेगी। अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।