Turkish drones were used in the Pakistani attack and purpose was to collect intelligence पाकिस्तानी हमले में तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था मकसद, India News in Hindi - Hindustan
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पाकिस्तानी हमले में तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था मकसद

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, 'रात में पाकिस्तान के सशस्त्र UAV (मानव रहित हवाई वाहन) ने बठिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश भी की, जिसे पकड़ कर निष्क्रिय कर दिया गया।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 May 2025 06:44 PM
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पाकिस्तानी हमले में तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था मकसद

पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ कल रात कई भड़काऊ और आक्रामक कार्रवाइयां की गईं। इस दौरान भारतीय शहरों और नागरिक बुनियादी ढांचे के अलावा सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, ‘पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारी कैलिबर के हथियारों से भी गोलीबारी की। 36 स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश करने के लिए लगभग 300 से 400 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं।’

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पाकिस्तान की ओर से किए हमलों को नाकाम करने के लिए भारत ने एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली, बराक-8 मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल और डीआरडीओ की ड्रोन रोधी तकनीकों का इस्तेमाल किया। सूत्रों ने बताया कि भारत की ओर से 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर मिसाइलें दागकर तनाव बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उसे विफल कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर को भी निशाना बनाया गया, जिसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है।

असिसगार्ड सोंगर ड्रोन की खासियत जानें

असिसगार्ड सोंगर ड्रोन तुर्की की असिसगार्ड कंपनी की ओर से डेवलप किए गए हैं। यह सशस्त्र मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है, जिसे तुर्की सशस्त्र बलों के लिए डिजाइन किया गया था। यह क्वाडरोटर ड्रोन कम ऊंचाई पर ऑपरेट करता है। साल 2019 में इस्तांबुल के IDEF में इसे प्रदर्शित किया गया था। सोंगर को दिन या रात के मिशनों, टारगेट की पहचान, खतरे को निष्प्रभावी करने और रियल-टाइम इमेज ट्रांसमिशन के लिए कारगर माना जाता है। इसकी अधिकतम उड़ान ऊंचाई 2,800 मीटर और ऑपरेशनल रेंज 10 किलोमीटर है। सोंगर विभिन्न हथियारों से लैस है, जिसमें 5.56×45mm NATO मशीन गन (200 राउंड), 40mm ग्रेनेड लॉन्चर और 81mm मोर्टार शामिल हैं। साल 2022 में इसमें लेजर-गाइडेड मिनी-मिसाइल सिस्टम भी जोड़ा गया था।