टैरिफ वॉर के बीच पहली बार भारत में जेडी वेंस, आज PM मोदी संग अहम वार्ता; उठेंगे ये मुद्दे
- चार दिवसीय दौरे पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत पहुंच चुके हैं। आज शाम को पीएम मोदी से उनकी अहम वार्ता होनी है। वेंस अपने परिवार के साथ लाल किला और ताजमहल के भी दीदार करेंगे।

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ पहली बार भारत दौरे पर पहुंच चुके हैं। चार दिवसीय इस यात्रा की शुरुआत में वो भारत के ऐतिहासिक स्थलों लाल किला और ताजमहल के भ्रमण से करेंगे। असली फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी आज शाम होने वाली अहम मुलाकात पर रहेगा। वेंस का यह दौरा ऐसे वक्त में हुआ है, जब अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी से वैश्विक व्यापार में हलचल है। वेंस की भारत यात्रा रणनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पहली भारत यात्रा पर है, जो भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों को नई दिशा दे सकती है। वेंस आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, जहां दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते, शुल्क नीति, आपूर्ति शृंखला और सुरक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर अहम बातचीत होने की उम्मीद है।
वेंस के साथ उनकी पत्नी ऊषा वेंस, बच्चे इवान, विवेक और मीराबेल और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी भारत आए हैं। यात्रा के दौरान वेंस राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे।
जयपुर और ताजमहल का दीदार
वेंस और उनका परिवार आज ही लाल किला देखने जा सकता है। इसके बाद वे 22 अप्रैल को जयपुर और 23 अप्रैल को आगरा के दौरे पर रहेंगे, जहां वे ताजमहल का दीदार करेंगे। भारतीय मूल की ऊषा वेंस अमेरिका की प्रथम हिंदू सेकंड लेडी हैं और उनकी भारत यात्रा को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वेंस का भारत दौरा क्यों अहम
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापार में तनाव गहराया है। अमेरिका द्वारा हाल ही में कुछ देशों पर पारस्परिक शुल्क लागू किए गए हैं। ऐसे में वेंस की इस यात्रा को भारत के लिए खास तौर पर रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
रिश्तों में मजबूती की उम्मीद
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दौरा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने और साझा हितों पर सहयोग को और गहरा करने का अवसर देगा। दोनों देश भूराजनीतिक चुनौतियों, खासकर इंडो-पैसिफिक, चीन और आर्थिक स्थिरता जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक समन्वय बढ़ाना चाहते हैं।