अपने ही अधिकारियों को CBI ने रिमांड पर लिया, दिल्ली HC का आदेश; क्या लगा है आरोप
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के इन तीनों अधिकारियों को दो दिन की सीबीआई की रिमांड पर सौंप दिया है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इस घटना से तंत्र की नींव हिल गई है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक अजीब मामला आया। यह मामला सीबीआई के तीन अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का था। उच्च न्यायालय ने इन तीनों अधिकारियों को दो दिन की सीबीआई की रिमांड पर सौंप दिया है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इस घटना से तंत्र की नींव हिल गई है। जिस एजेंसी का प्राथमिक कर्तव्य अपराधियों को सजा दिलाना है। उसी एजेंसी के तीन अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के आरोपी हैं।
पीठ ने कहा कि यह सीबीआई, ईडी और ऐसे अन्य विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार का अनूठा मामला है, जिसने हमारी कार्यपालिका और जांच तंत्र की पूरी नींव हिला दी है। शिकायत से पता चलता है कि यह सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का अकेला मामला नहीं है, बल्कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बीच एक बड़ी साजिश को दर्शाता है। इन्होंने अनुचित लाभ या प्रभाव डालने और इन विभागों के कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए रिश्वत ली।
यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर आया है, जिसमें एजेंसी को तीन आरोपी अधिकारियों की हिरासत देने से इनकार करने वाले विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी सीबीआई अधिकारियों ने उससे जुड़े दो मामलों को निपटाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे बाद में घटाकर 35 लाख रुपये कर दिया गया। उन्होंने आगे दावा किया कि वित्त मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने एक अन्य मामले में ईडी अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 50 हजार रुपये की अवैध रिश्वत मांगी, जबकि सीबीआई के एक अधिकारी को दूसरे अधिकारी की तरफ से शिकायतकर्ता से साढ़े तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
मंत्रालय के अधिकारी ने कथित तौर पर गूगल पे के माध्यम से 50 हजार रुपये स्वीकार किए। 10 अप्रैल को विशेष अदालत ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 15 अप्रैल को विशेष अदालत ने सीबीआई की रिमांड की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ सीबीआई ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।