delhi jails are filled with huge amount of prisoners under trials are large in count India Justice Report दिल्ली की जेलों में भरे क्षमता से अधिक कैदी,इन कैदियों का प्रतिशत सबसे ज्यादा, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़delhi jails are filled with huge amount of prisoners under trials are large in count India Justice Report

दिल्ली की जेलों में भरे क्षमता से अधिक कैदी,इन कैदियों का प्रतिशत सबसे ज्यादा

  • रिपोर्ट में एक चिंताजनक रुझान सामने आया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की 16 जेलों में से तीन में 2020 और 2022 के बीच लगातार 250 प्रतिशत से अधिक कैदी रहे। कुल मिलाकर,राजधानी की जेलें एक दशक से अधिक समय से 170 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर चल रही हैं।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, दिल्लीTue, 15 April 2025 07:05 PM
share Share
Follow Us on
दिल्ली की जेलों में भरे क्षमता से अधिक कैदी,इन कैदियों का प्रतिशत सबसे ज्यादा

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (IJR) 2025 के अनुसार,दिल्ली की जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है। इनमें विचाराधीन कैदी जेल में बंद कुल लोगों का 91 प्रतिशत हैं। टाटा ट्रस्ट्स द्वारा शुरू की गई और कई नागरिक समाज संगठनों और डेटा भागीदारों द्वारा समर्थित आईजेआर 2025 ने चार क्षेत्रों - पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता - में राज्यों के प्रदर्शन पर नजर रखी।

रिपोर्ट में एक चिंताजनक रुझान सामने आया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की 16 जेलों में से तीन में 2020 और 2022 के बीच लगातार 250 प्रतिशत से अधिक कैदी रहे। कुल मिलाकर,राजधानी की जेलें एक दशक से अधिक समय से 170 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर चल रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है,"दिल्ली की जेलों में 2012 से लगातार 170 प्रतिशत से अधिक कैदी दर दर्ज की गई है। 2022 में इसकी 15 प्रतिशत जेलों में 250 प्रतिशत से अधिक कैदी दर दर्ज की गई। तीन जेलों में 2020 से लगातार 250 प्रतिशत से अधिक कैदी रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारियों की कमी संकट को और बढ़ा देती है। दिल्ली में जेल के कुल कर्मचारियों में 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जिसमें सुधार कर्मचारियों में चौंका देने वाली 60 प्रतिशत और अधिकारियों में 34 प्रतिशत रिक्तियां शामिल हैं। चिकित्सा देखभाल पर दबाव बना हुआ है,18,000 कैदियों के लिए सिर्फ 90 डॉक्टर हैं,औसतन हर 206 कैदियों पर एक डॉक्टर। 100 प्रतिशत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं से लैस होने के बावजूद,कारावास पर अत्यधिक निर्भरता,खासकर विचाराधीन कैदियों की,सिस्टम को जाम करती रहती है। आईजेआर ने तत्काल और बुनियादी सुधारों का आह्वान किया है और न्याय वितरण को एक आवश्यक सेवा के रूप में मानने पर जोर दिया है।