दिल्ली के रजौकरी, समालखां इलाकों में नालों से हटाया जाएगा अतिक्रमण; LG का DDA को निर्देश
दिल्ली के रजौकरी और समालखां इलाके में दशकों पुराने नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए राजनिवास की तरफ से डीडीए को पत्र लिखा गया है।

दिल्ली के रजौकरी एवं समालखां इलाके में दशकों पुराने नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए राजनिवास की तरफ से डीडीए उपाध्यक्ष को पत्र लिखा गया है। उपराज्यपाल की प्रमुख सचिव हरलीन कौर की तरफ से बीते 3 अप्रैल को यह पत्र डीडीए को भेजा गया है। इन दोनों ही क्षेत्रों में नाले पर हुए अतिक्रमण को लेकर हिन्दुस्तान ने बीते 3 अप्रैल को ग्राउंड रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
हिन्दुस्तान ने रजौकरी और समालखां में हुए अतिक्रमण को लेकर प्रकाशित की गई रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से दशकों पुराने नालों पर अतिक्रमण कर उन्हें खत्म किया जा रहा है। कहीं कूड़ा तो कहीं मिट्टी डालकर नालों को भरा गया है। इतना ही नहीं कई जगहों पर फार्म हाउसों ने नाले के एक बड़े हिस्से को चारदीवारी बाहर निकालकर अपनी जमीन में शामिल कर लिया है।
इसकी वजह से न केवल नाले खत्म हो रहे हैं बल्कि आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ा है। यहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस खबर के प्रकाशित होते ही राजनिवास ने तुरंत संज्ञान लेते हुए डीडीए उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है। उपराज्यपाल की प्रमुख सचिव हरलीन कौर द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि रजौकरी एवं समालखां इलाके में नाले एवं ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है।
इसे लेकर डीएम की तरफ से भी उन्हें कुछ समय पहले पत्र मिला था। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि इस अतिक्रमण को लेकर मानसून से पहले सख्त कार्रवाई की जाए। पहले चरण में नाले एवं ग्राम सभा की जमीन को डीडीए द्वारा चिन्हित किया जाए और इसके बाद अतिक्रमण हटाकर नाले को दोबारा वास्तविक स्थिति में बहाल किया जाए।
पत्र में डीडीए को कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों को भी ध्यान में रखने के लिए कहा गया है।पत्र में डीडीए उपाध्यक्ष से 15 दिन के भीतर इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों का कहना है कि राजनिवास का पत्र मिलने के बाद डीडीए ने कुछ जगहों पर नाले की जगह चिन्हित करने का काम भी शुरु कर दिया है।