मुंबई के बाद अब दिल्ली? राजधानी में मॉनसून की एंट्री पर क्या है IMD की भविष्यवाणी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहली बार उपखंड-वार(Sub-Division Wise) बारिश की संभावना का पूर्वानुमान जारी किया है। इसने बताया कि हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली उपखंड में इस मॉनसून में सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की संभावना है। यह लंबी अवधि के औसत (LPA) का 114 प्रतिशत होगा।

देश की राजधानी पर मौसम मेहरबान है। मई की तपती गर्मी के बीच कई बार आए आंधी-बारिश ने लोगों को खूब राहत दी। मौसम विभाग ने मई की विदाई भी बारिश और आंधी से होने की भविष्यवाणी की है। 30 और 31 मई के लिए येलो अलर्ट है। हालांकि यह मॉनसूनी बारिश नहीं है,वह अलग बात है कि मॉनसून इस बार तय समय से पहले ही केरल पहुंचने के बाद मुंबई में खूब मेहरबान रहा। ऐसे में सवाल है कि क्या मुंबई के बाद अब दिल्ली का नंबर है? आईएमडी ने दिल्ली में मॉनसून आगमन को लेकर क्या बताया है,आइए आपको बताते हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहली बार उपखंड-वार(Sub-Division Wise) बारिश की संभावना का पूर्वानुमान जारी किया है। इसने बताया कि हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली उपखंड में इस मॉनसून में सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की संभावना है। यह लंबी अवधि के औसत (LPA) का 114 प्रतिशत होगा।
इसका मतलब यह है कि दिल्ली में इस बार मॉनसूनी बारिश सामन्य से ज्यादा होगी। IMD के वैज्ञानिकों ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आने की सटीक तारीख बताना अभी जल्दबाजी होगी,भले ही यह दक्षिणी और पश्चिमी भारत में जल्दी आ गया हो। उत्तर-पश्चिमी भारत में मॉनसून से पहले के सीजन (मार्च से मई) में सामान्य से कम कुल बारिश (88.8 मिमी बनाम सामान्य 109.9 मिमी) हुई है,फिर भी दिल्ली में इस दौरान असाधारण रूप से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। सफदरजंग मौसम केंद्र ने 188.9 मिमी बारिश दर्ज की,जो सामान्य 58.8 मिमी से 200 प्रतिशत ज्यादा है।
मई का महीना दिल्ली में अब तक का सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना बन गया है। शहर में 186.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है,जो महीने के औसत 25.1 मिमी से लगभग सात गुना ज्यादा है। यह लगातार गरज-चमक और तेज मौसमी गतिविधियों के कारण हुआ है। IMD के राष्ट्रीय पूर्वानुमान के अनुसार,इस मॉनसून में देश में LPA का 106 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है। जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश (LPA का 92-108 प्रतिशत) होने का अनुमान है,मॉनसून कोर जोन (मुख्य रूप से मध्य भारत) में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। वहीं,उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
IMD ने कहा,"जून से सितंबर 2025 के दौरान,देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्याजा बारिश होने की संभावना है,सिवाय उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों और उत्तर-पूर्वी भारत के कई इलाकों को छोड़कर। दिल्ली-NCR के लिए,बारिश का वितरण असमान हो सकता है। IMD के अनुसार,पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है,जबकि क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 24 मई को केरल पहुंच गया,जो सामान्य तारीख 1 जून से काफी पहले है। 26 मई तक यह मुंबई भी पहुंच चुका था,अपनी सामान्य तारीख से 16 दिन पहले। IMD अधिकारियों के अनुसार,इस तेजी से हुई प्रगति का कारण कम दबाव वाले क्षेत्रों का बनना और अरब सागर से नमी वाली हवाओं का आना जैसी अनुकूल परिस्थितियां हैं। फिलहाल,मॉनसून महाराष्ट्र,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश,तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ रहा है। हालांकि,IMD ने अभी तक दिल्ली में मॉनसून के आगमन को लेकर कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया है,क्योंकि दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत के बड़े हिस्से अभी कवर होने बाकी हैं।
IMD के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा,"पिछले आंकड़ों के अनुसार ऐसा कोई संबंध नहीं है कि अगर केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जल्दी आ गया है, तो भारत के अन्य हिस्सों में भी यह उसी गति से आएगा।" उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में मॉनसून की प्रगति धीमी हो सकती है,जिससे मध्य और उत्तर-पश्चिमी भारत में इसके आने की तारीख बताना बहुत जल्दबाजी होगी। दिल्ली में मॉनसून के आने की सामान्य तारीख 28 जून है।
1993-2016 के जलवायु संबंधी आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में आमतौर पर जून में ज्यादा लू वाले दिन होते हैं,इस साल का पूर्वानुमान तीव्र गर्मी से राहत का सुझाव देता है,जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम लू की गतिविधि की उम्मीद है। हालांकि, IMD ने यह भी चेतावनी दी है कि जून में उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है,भले ही कुल मौसमी पूर्वानुमान अनुकूल हों।