बरसात से पहले जलभराव से परेशान लोग
फरीदाबाद में बारिश से पहले जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। नगर निगम और एफएमडीए की तैयारियों का असर नहीं दिख रहा है। नाले ओवरफ्लो हैं और गलियों में गंदा पानी जमा है, जिससे स्कूली बच्चों और नौकरीपेशा...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। शहर में बरसात से पहले एक बार फिर नगर निगम और एफएमडीए के जलभराव से निपटने के दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं। नाले ओवरफ्लो होकर बह रहे हैं, गलियों में गंदा पानी जमा है। ऐसे में स्कूली बच्चे और नौकरीपेशा लोग गंदे पानी से आवाजाही करने की मजबूर हैं। शहर में प्री मानसून कगार पर है। दो दिन से तेज आंधी चल रही हैं, झमाझम बारिश की संभावना बनी हुई है।दूसरी तरफ नगर निगम और फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) की जलभराव से निपटने की तैयारियां कागजों में चल रही है। एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, बड़खल और ग्रामीण क्षेत्रों में नालों की दशा बदहाल है। महीनों से नालों की सफाई नहीं हुई, जिसके कारण बारिश के पानी के निकास का कोई साफ रास्ता नहीं है। सबसे ज्यादा खराब हालत बड़खल गांव के मुख्य रास्ते की है। यहां कब्रिस्तान के सामने सीवर का पानी भरा है। इसी प्रकार डबुआ मंडी, नंगला भड़ाना रोड पर नालों का पानी सड़क पर बह रहा है, जगह-जगह कचरा, प्लास्टिक, मलबा और कीचड़ जमा है, जिससे बहाव अवरुद्ध हो गया है। स्थानीय निवासी निगम को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बड़खल गांव का मुख्य रास्ता गंदे पानी से बंद
बड़खल गांव का मुख्य रास्ता अब कूड़े के ढेर और गंदे पानी के कारण पूरी तरह से बन्द हो चुका है। यह रास्ता अब करीब दस हजार लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी बन गया है, क्योंकि वहां का नजारा देख कर ही कोई भी हैरान हो सकता है। जहां एक तरफ गांव के लोग अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, वहीं दूसरी तरफ गंदगी और जलभराव की समस्या ने उन्हें गंभीर संकट में डाल दिया है। इस क्षेत्र में सड़क किनारे कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जो न केवल यहां के पर्यावरण को खराब कर रहे हैं, बल्कि बीमारी फैलने का भी खतरा पैदा कर रहे हैं। विशेष रूप से, गंदा पानी जमा होने से मच्छरों का प्रजनन हो रहा है, जो विभिन्न संक्रामक रोगों का कारण बन सकते हैं। लोगों को आशंका है कि यह स्थिति गांव के निवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। पानी निकासी की मुक्कमल व्यवस्था नही है। नाले की सफाई नहीं होना मुख्य वजह बनी हुई है। हालांकि नई सरकार बनने के बाद स्थानीय विधायक ने नगर निगम के अधिकारियों को सीवर जाम, गन्दगी के लगे ढेर जैसी समस्याओं को प्राथमिकता पर दूर करने के आदेश दिए थे, मगर गांव बड़खल में विधायक के इस आदेश का निगम के अधिकारियों ने पालन नहीं किया। गांव में गंदे पानी का जलभराव और गन्दगी के लगे ढेर इसकी तस्दीक करते हैं।
नंगला-भड़ाना रोड पर सड़क पर नालों का पानी
नंगला भड़ाना रोड पर सड़क के दोनों ओर बने नाले पिछले छह महीने से गंदगी से भरे हैं। नालों का गंदा सड़क पर जमा है। इस रोड पर तीन बड़े प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें करीब 15 हजार बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों को इसी सड़क से गंदे पानी में होकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। सुबह-शाम नौकरीपेशा लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि लोगों के बार-बार शिकायत करने पर दो दिन पहले ही नगर निगम की ओर से जेसीबी से नालों की सफाई कराई हैं। लेकिन, वह केवल खानापूर्ति तक सीमित रही।शुक्रवार को फिर नालों का गंदा पानी सड़क पर जमा हो गया है। सीवर लाइनें पहले से ही ओवरलोड और कई जगहों पर जाम पड़ी हैं। सेक्टर 23, 21बी, डबुआ कॉलोनी और संजय कॉलोनी आदि क्षेत्रों में सीवर पानी सड़कों पर बह रहा है। इससे न केवल लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी होती है बल्कि संक्रमण और बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
डबुआ मंडी में जलभराव से बुरा हाल
शहर की सबसे बड़ी डबुआ मंडी के मुख्य रास्ते में पिछले एक माह से नाले और सीवर का पानी भरा है। रोजाना हजारों किसान और लोग मंडी में अपनी फसलों को बेचने और खरीदने के लिए पहुंचते हैं। सड़क पर गंदा पानी भरा होने के कारण लोगों को इसी से होकर आवाजाही करनी पड़ती है। कई बार दोपहिया वाहन चालक गंदे पानी में गिर जाते हैं, चोट लगने के साथ उनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं। लोगों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है।
सुपर सकर मशीन से मिल रही अस्थायी राहत
निगम द्वारा कुछ जगहों पर सुपर सकर मशीन का इस्तेमाल कर सीवर की सफाई की जा रही है, लेकिन यह राहत स्थायी नहीं है। मशीनें केवल शिकायत मिलने पर ही भेजी जाती हैं और वह भी सीमित समय के लिए। इससे समस्या की मूल वजह का समाधान नहीं हो पाता।
फरीदाबाद-311 ऐप पर शिकायतों की भरमार
नगर निगम द्वारा जारी किए गए फरीदाबाद-311 ऐप पर लोगों ने जलभराव और सफाई से जुड़ी सैकड़ों शिकायतें दर्ज कराई हैं। निगम के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक महीने में लगभग 1200 से अधिक शिकायतें आईं, जिनमें से 40 प्रतिशत शिकायतें अब भी लंबित हैं। लोगों का कहना है कि शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कई बार मौके पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
जलभराव से निपटने की योजना का नहीं दिख रहा असर
नगर निगम ने दावा किया है कि जलभराव से निपटने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो संवेदनशील क्षेत्रों में नजर रखेगी। साथ ही, 50 से अधिक मोटर पंप और सुपर सकर मशीनें तैनात करने की योजना है। लेकिन अलग-अलग इलाकों में ओवरफ्लो नाले और सीवर लाइनें यह दर्शाती है कि निगम की तैयारियां केवल कागजों तक सीमित हैं और वास्तविकता में हालात काबू से बाहर हो जाते हैं।
एफएमडीए की कार्य योजना
एफएमडीए के अधिकारियों ने बताया कि 15 जून से पहले सभी बड़े नालों की सफाई पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा, जलभराव वाले 50 से अधिक स्थानों पर विशेष टीमें नियुक्त की जाएंगी। अधिकारियों का कहना है कि बरसात के दौरान एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जो 24 घंटे सक्रिय रहेगा, जहां से सभी शिकायतों की निगरानी की जाएगी। हालांकि, शहरवासी इन दावों पर ज्यादा विश्वास नहीं कर पा रहे क्योंकि हर साल यही वादे किए जाते हैं, पर परिणाम नहीं दिखते।
एफएमडीए और नगर निगम की तैयारी और दावा
- 50 मोटर पंप, 30 सकर मशीनें तैयार
-50 जलभराव वाले स्थान चिन्हित
-15 जून तक सफाई का लक्ष्य
- 24 घंटे कंट्रोल रूम की योजना
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धनंजय चौहान
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