मुजेसर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाएं दूर करने के आदेश
फरीदाबाद के गांव मुजेसर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। मानव अधिकार आयोग ने स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं पर ध्यान दिया और 23 जुलाई तक सुधार की...

फरीदाबाद। गांव मुजेसर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में एक महीने में सुधार होगा। स्वास्थ्य केंद्रों के रेफरल मामलों में गिरावट आएगी और दवाओं के लिए बीके अस्पताल नहीं रेफर किया जाएगा। इसके अलावा रोगियों के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने तक का रास्ता भी बेहतर होगा। इसे लेकर मानव अधिकार आयोग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत और नगर निगम आयुक्त को निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश मानवाधिकारी आयोग को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुजेसर में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और उसके सामने बदबूदार पानी जमा होने से अन्य शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मुआयना भी किया। आयोग की टीम को प्राप्त शिकायत के अनुरूप ही अव्यवस्थाएं और गंदगी मिली। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की विफलता बताई है। स्वास्थ्य केंद्र के बाहर जमा सीवर का पानी और बेतरतीब तरह से खड़े वाहन उपचार के लिए पहुंचने वाली गर्भवतियों एवं बुजुर्गों के लिए अवरोध का कारण बन रहे थे। इसके अलावा टीम को मौके पर नालियों में बहने वाला पानी ओवरफ्लो होकर स्वास्थ्य केंद्र के सामने आकर ठहर रहा था। आयोग ने इसे जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया है।
नहीं मिल रही दवाएं
आयोग की टीम को मौके पर आवश्यक दवाएं नहीं मिली हैं। रोगियों को उपचार एवं दवाओं के लिए बीके अस्पताल रेफर किया जा रहा है।आयोग ने बीके अस्पताल पर रोगियों के बोझ बढ़ने का एक प्रमुख कारण बताया है। मानव अधिकार आयोग ने स्वास्थ्य केंद्र के आसपास साफ-सफाई नहीं होने और जिला स्वास्थ्य विभाग को न्यूनतम स्वास्थ्य मानकों को तय नहीं किए जाने पर फटकार लगाई है। आयोग ने बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और दैनिक वेतन भोगियों को गंदे पानी से होकर गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ता है और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से वंचित रखा जा रहा है। इस पर फटकार लगाते हुए 23 जुलाई तक दुरुस्त करके रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
अब सुधरेंगी व्यवस्थाएं
बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन ओपीडी लगाई जाती है। इसके अलावा गर्भवतियों की डिलीवरी और बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। यह सुविधाएं भी मुजेसर गांव के रहने वाले लोगों को नहीं मिल रही हैं। यहां पर कभी भी चिकित्सक पूरे नहीं मिलते हैं। आएदिन किसी न किसी चिकित्सक की कमी बनी रहती हैं। इसके अलावा यहां पर गर्भवतियों की डिलीवरी कम उन्हें बीके अस्पताल रेफर किया जाता है। हरियाणा मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद कमी आएगी। यहां पर स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से चिकित्सकों की ड्यूटी निर्धारित करेगा।इसके अलावा जल्द ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं बच्चों का नियमित टीकाकरण होगा। इसके अलावा यहां पर एक इमजेंसी भी विकसित की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बोले, नियमित निरीक्षण होगा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा का कहना है कि मानव आयोग के निर्देश अनुरूप ही कार्य करवाया जाएगा। ओपीडी से लेकर शौचालय तक सभी प्रकार की सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा। चीफ फार्मासिस्ट को सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। नगर निगम आयुक्त से मिलकर वहां ओवरफ्लो नाली को भी ठीक कराने के लिए कहा जाएगा। इसके अलावा एक उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी नियमित रूप से जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेंगे।
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