भारी वाहनों के लिए शुरू होगी सुरक्षा रेटिंग प्रणाली: गडकरी
सरकार जल्द ही ट्रकों और भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए एक नई सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग प्रणाली शुरू करने जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य सुरक्षित और...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। सरकार की ओर से जल्द ट्रकों और भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए भारत एनकैप की तर्ज पर एक नई सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग प्रणाली शुरू की जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। गुरुवार दोपहर को यह घोषणा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन में आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की। सूरजकुंड रोड स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन कॉलेज में गुरुवार को ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़े। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य वाहन निर्माताओं को अधिक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण वाहनों के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा के लिए भी एक सुरक्षा मूल्यांकन प्रणाली पर काम कर रही है, जिससे इन वाहनों की गुणवत्ता में सुधार होगा और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मंत्री ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख लोगों की जान चली जाती है। सड़क सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षित राजमार्गों के विस्तार, वाहन सुरक्षा मानकों में सुधार और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। साथ ही, मंत्रालय अगले कुछ वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत को वर्तमान 14-16 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत करने पर भी कार्य कर रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
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ट्रक चालकों की दुर्दशा सुधारने के लिए बनेगा कानून
गडकरी ने ट्रक चालकों की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए कहा कि वे दिन में 13-14 घंटे काम करते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए खतरा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए मंत्रालय एक कानून लाने की योजना बना रहा है, जिसमें उनके काम के घंटों को सीमित किया जाएगा। साथ ही, देश भर में 32 अत्याधुनिक ड्राइविंग संस्थान स्थापित किए जाएंगे ताकि कुशल चालकों की कमी को पूरा किया जा सके।
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चालक केबिन में एयर कंडीशनिंग जरूरी
उन्होंने बताया कि चालक केबिन में एयर कंडीशनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है और उन्नत चालक-सहायता प्रणाली (एडास) भी अब आवश्यक बना दी गई है। बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कक्षा एक से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के मॉड्यूल शामिल किए जा रहे हैं, जो इस शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे। इसके अलावा, मशहूर गायक शंकर महादेवन द्वारा गाया गया एक गीत, देश की 22 भाषाओं में अनुवाद कर, सड़क सुरक्षा गान के रूप में प्रचारित किया जाएगा। कार्यशाला में आईआरटीई के अध्यक्ष डॉ. रोहित बलूजा ने बताया कि यह आयोजन वर्ष 2000 से अब तक वैश्विक और भारतीय वाहन सुरक्षा में हुई प्रगति की समीक्षा करेगा। वर्ष 2030 और उसके बाद तक की सुरक्षा प्राथमिकताओं को निर्धारित करेगा।
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भारत में अब जीएनकेप और एनकेप रेटिंग वाहन उपलब्ध
जीएनकेप के एमेरिटस अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि भारत में अब जीएनकेप और भारत एनकेप रेटिंग वाले वाहन उपलब्ध हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित वाहन चुनने का बेहतर विकल्प मिल रहा है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र के 2030 तक सड़क सुरक्षा लक्ष्यों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इस पहल से भारत वैश्विक मानकों की ओर बढ़ते हुए सड़क सुरक्षा और वाहन गुणवत्ता के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने की ओर अग्रसर है।
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