ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर मिट्टी धंसने से दो की मौत
फरीदाबाद के ओल्ड रेलवे स्टेशन पर एक निर्माण स्थल पर मिट्टी धंसने से दो महिला मजदूरों की मौत हो गई। घायलों में एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। जांच कमेटी गठित की गई है, और परिजनों का आरोप है कि सुरक्षा...

फरीदाबाद, कार्यालय संवाददाता। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार दोपहर खोदे जा रहे बेसमेंट की मिट्टी धंसने से उसमें चार मजदूर दब गए। इनमें दो महिला मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक महिला सहित दो मजदूर घायल हो गए। घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अनुसार हादसे में मृत महिलाओं की पहचान बिहार के लखीसराय निवासी 33 वर्षीय नविता और पश्चिम बंगाल की कोलकाता निवासी 20 वर्षीय मोनी के रूप में हुई है। दोनों रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-चार के पास झुग्गी बनाकर परिवार के साथ रह रही थीं।
ये निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार के मातहत मजदूरी करती थीं। जीआरपी थाने के एसएचओ राजपाल ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर-एक के पास कुछ दिनों से बेसमेंट और पिलर ढालने के लिए खोदाई की जा रही है। शुक्रवार सुबह खोदे गए गड्ढे में उतरकर मोनी, नविता, काजल और गोबिंद मिट्टी को समतल कर रहे थे। इस दौरान मिट्टी को जेसीबी से बाहर निकाला जा रहा था। दोपहर करीब 12 बजे गड्ढे का ऊपरी भाग धंस गया और काम कर रहे चारों मजदूरों पर भरभरा कर मिट्टी गिर गई। इसमें सभी दब गए। यह देखकर आसपास कार्य कर रहे मजदूरों में अफरातफरी मच गई। वे दौड़कर पहुंचे और मिट्टी को हटाने में जुट गए। तुरंत मामले की जानकारी स्टेशन परिसर स्थित जीआरपी और आरपीएफ थाने को दी गई। दोनों थानों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से मिट्टी हटाया और नीचे दबे चारों मजदूरों को बीके अस्पताल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने नविता और मोनी को मृत घोषित कर दिया, जबकि काजल और गोबिंद की हालत स्थिर बनी हुई है। -------------------- जांच कमेटी गठित मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) पुष्पेश रमण त्रिपाठी ने बताया कि जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। वह हादसे की जांच करेगी और लापरवाही की तह तक जाएगी। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -------------------- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे फरीदाबाद, कार्यालय संवाददाता। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार दोपहर गड्ढे में मिट्टी के नीचे दबकर दो महिला मजदूर की मौत मामले में संबंधित ठेकेदार और रेलवे प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि हादसे के दौरान निर्माणस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। जिसके चलते दो मजदूरों की मौत हुई। उनका कहना है कि बन्दोबस्त होते तो जान बचाई जा सकती थी। -------------------- हादसा होते ही बचाने दौड़े मजदूर जानकारी के अनुसार जहां हादसा हुआ, उसके आसपास 15 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे जैसे उन्होंने हादसा देखा, सभी शोर मचाते हुए दौड़े और हाथ व फावड़ा से मिट्टी हटाने में जुट गए। करीब दो से तीन मिनट के अंदर जानकारी पाते ही जीआरपी और आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गए। पुलिस की टीम सभी को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला और बीके अस्पताल में भर्ती कराया। -------------------- आधे घंटे दबे रहने के चलते हुई मौत मजदूरों ने बताया कि गड्ढ़ा करीब 20 फुट गहरा है। सुबह करीब आठ बजे मजदूरों को गड्ढ़े मिट्टी को समतल करने के लिए उतारा गया। सभी फावड़े से कार्य कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे उनपर मिट्टी गिर गई। मजदूरों के अनुसार सभी करीब दो फुट मिट्टी के नीचे दब गए और करीब आधे घंटे तक उसमें दबे रहे। ऐसे में सांस लेने में दिक्कत होने से दो महिला मजदूर मोनी और नविता की मौत हो गई। हालांकि पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। -------------------- धूप से बचने के गड्ढे में बैठ गए थे मंडल रेल प्रबंधक पुष्पेश रमण त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर अधिक धूप थी। ऐसे में प्राथमिक जांच में सामने आया है सभी मजदूर काम करते समय थक कर और धूप से बचने के लिए गड्ढे में ही छांव में बैठ गए। इस दौरान सभी पर मिट्टी गिरने की आशंका है। हालांकि उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। वह जल्द जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगे। -------------------- ऑटो से पहुंचाया गया अस्पताल स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर बड़े स्तर पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। ऐसे में मजदूरों के घायल होने व छोटे-बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है। बावजूद संबंधित ठेकेदार व रेल प्रशासन की ओर से निर्माणस्थल पर एक एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की है। इसका खामियाजा शुक्रवार को हादसे में घायल दो महिलाओं को जान देकर चुकाना पड़ा। एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने से पुलिस की टीम सभी घायलों को ऑटो से बीके अस्पताल तक पहुंचाया। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने मोनी और नविता को मृत घोषित कर दिया। -------------------- मोनी की पिछले साल ही हुई थी शादी जानकारी के अनुसार मोनी मूलरूप से पश्चिम बंगाल के कोलकाता की रहने वाली है। वह करीब एक साल से रेलवे स्टेशन पर काम कर रही थी। बताया जा रहा है कि उसकी शादी साल-2024 में मुकेश से हुई थी। पति-पत्नी दोनों वहीं मजदूरी कर रहे थे। मौका स्थल से कुछ ही दूरी पर उसका पति भी काम कर रहा था। हादसा देखकर वह दौड़ते हुए आया और गड्ढ़े में कूदकर हाथ से मिट्टी हटाने का प्रयास करने लगा। नवीता भी पति जिलाजीत और बच्चों के साथ प्लेटफार्म नंबर-चार के पास झुग्गी बनाकर रहता था। पुलिस विभिन्न पहलूओं से जांच में जुटी है। -------------------- ये हैं प्रमुख खामियां -करीब 20 फुट गहरे गड्ढ़े के ऊपरी भाग में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं थी -गड्ढ़े के ऊपरी भाग से भू-स्खलन को रोकने के लिए व्यवस्था नहीं थी -मौके पर सीढ़ी, रस्सी, ऑक्सीजन किट आदि की व्यवस्था नहीं -गड्ढ़े चारों ओर टीन शेड नहीं लगाए गए थे -किसी प्रकार के हादसे के दौरान बचाव के लिए एक्सपर्ट की मौजूदगी नहीं -हादसे के दौरान मौके पर दमकल की गाड़ी और एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं -------------------- कैसे कब हुआ सुबह-08:00 बजे- मजदूर गड्ढ़े में काम करने पहुंचे सुबह-11:45 बजे- धूप अधिक होने के चलते मजदूर गड्ढ़े में ही छांव में बैठे दोपहर-12:00 बजे- नीचे बैठे चारों मजदूर के ऊपर मिट्टी भरभराकर कर गिरी दोपहर-12:03 बजे- सूचना पाते ही जीआरपी और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची दोपहर-12:30 बजे- जेसीबी से सभी मजदूरों को बाहर निकालकर बीके अस्पताल पहुंचाया गया दोपहर-12:45 बजे- बीके अस्पताल में मोनी और नविता को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
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