गाजियाबाद में तुलसी निकेतन के फ्लैटों की जगह बनेंगी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, GDA ने शुरू किया सर्वे
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के तुलसी निकेतन के जर्जर फ्लैटों की जगह अब बहुमंजिला इमारतें बनेंगी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। जीडीए सचिव के नेतृत्व में प्राधिकरण की एक टीम गुरुवार को जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय लोगों को पुनर्विकास योजना के बारे में जानकारी दी।

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के तुलसी निकेतन के जर्जर फ्लैटों की जगह अब बहुमंजिला इमारतें बनेंगी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। जीडीए सचिव के नेतृत्व में प्राधिकरण की एक टीम गुरुवार को मौके पर पहुंची। प्राधिकरण की टीम ने जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय लोगों को पुनर्विकास योजना के बारे में जानकारी दी।
जीडीए करीब 35 साल पहले वर्ष 1989-90 में 7.83 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तुलसी निकेतन योजना लाया था, जिसमें 2004 ईडब्ल्सूएस और 288 एलआईजी फ्लैट बनाए गए थे। कुल 2292 मकानों में 60 दुकान भी संचालित हैं। यहां 20 हजार से अधिक आबादी रहती है। पिछले काफी समय से यहां के फ्लैटों की हालत खराब हो चुकी है। कई बार दीवारों से प्लास्टर गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें लोगों के चोटिल होने की बात भी सामने आई है। लोगों ने जर्जर फ्लैट की मरम्मत का मुद्दा उठाया था। स्थानीय लोगों को बड़ी घटना होने का डर सता रहा था। इसे देखते हुए गुरुवार को जीडीए सचिव राजेश कुमार के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम तुलसी निकेतन पहुंची। जहां स्थानीय लोगों को योजना के समग्र पुनर्विकास की दिशा में गंभीरता से कार्य किए जाने की बात बताई, ताकि लोगों को आधुनिक सुविधाएं दी जा सकें।
जीडीए सचिव राजेश सिंह ने कहा कि पुनर्विकास योजना से सभी लोगों को लाभ होगा। जर्जर की जगह बेहतर फ्लैट और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। ये पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता देते हुए की जाएगी। निरीक्षण के दौरान अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह, स्थानीय पार्षद यशपाल पहलवान, पूर्व पार्षद विनोद कसाना समेत अन्य मौजूद रहे।
अवैध निर्माण करने वालों पर होगी सख्ती
वहीं, गाजियाबाद में सील तोड़कर अवैध निर्माण करने वालों पर मुकदमा दर्ज होगा। इसके लिए जीडीए दो साल के भीतर सील की गई सभी इमारतों की सूची तैयार करेगा। यह सूची जोनवार बनेगी। पिछले दिनों शासन ने जीडीए से अवैध निर्माण की जानकारी मांगी थी। इसके बाद जीडीए ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत जीडीए लगातार अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर रहा है, जिसके तहत अवैध निर्माण पर सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करता है। लेकिन लोग प्राधिकरण की सील खोलकर निर्माण करने लगते हैं। ऐसे में बैठक कर जीडीए सचिव ने जोनवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें पिछले दो साल का डाटा तैयार किया जाएगा।