अदालत में वादों के न्यायिक कार्य वितरण में बदलाव
गाजियाबाद में अदालत ने न्यायिक कार्य वितरण में बदलाव किया है। नए आदेश के तहत विभिन्न थाना क्षेत्रों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए अदालतों में परिवर्तन किया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नए...

गाजियाबाद। अदालत में वादों के न्यायिक कार्य वितरण को लेकर बदलाव किया गया है। नए आदेश के अनुसार, अलग-अलग थाना क्षेत्रों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए अदालतों में बदलाव किया गया है। नवनियुक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने न्यायिक कार्यों का थानेवार तय करते हुए आदेश जारी किया है। नई व्यवस्था में विजयनगर से संबंधित सभी दांडिक वाद न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या-2 के बजाय कोर्ट संख्या-3 में भेजे जाएंगे। इसी तरह मुरादनगर से संबंधित वाद कोर्ट संख्या-1 के बजाय कोर्ट संख्या-5 में और नंदग्राम क्षेत्र से जुड़े वाद कोर्ट संख्या-6 में भेजे जाएंगे।
न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट संख्या-3 को कोआपरेटिव सोसायटी से संबंधित वादों के लिए विशेष रूप से नामित किया गया है। इन वादों को अन्य सभी संबंधित न्यायालयों से लेकर कोर्ट संख्या-3 में स्थानांतरित किया जाएगा। सभी न्यायालय के पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्थानांतरित वादों की पत्रावलियों को तत्काल संबंधित न्यायालयों में पहुंचाया जाए और उनकी प्रविष्टि कंप्यूटर में सुनिश्चित किया जाए ताकि एनजेडीजी पर दर्ज मामलों में किसी प्रकार की असंगति उत्पन्न न हो। इसके अलावा यदि कोई वाद उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय, जिला न्यायाधीश या विशेष आदेश के अधीन लंबित है तो वह स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। कार्य वितरण आदेश केवल दांडिक वादों के संबंध में प्रभावी रहेगा। यह आदेश जनपद न्यायाधीश के अनुमोदन के बाद प्रभावी होंगे।
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