निगम ने संपत्तिकर डिफॉल्टरों को जारी किए रिकवरी नोटिस
गुरुग्राम नगर निगम ने संपत्तिकर बकायेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। 50 लाख रुपए से अधिक का टैक्स बकाया रखने वाले डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नगर निगम ने नागरिकों को दलालों से बचने और...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम गुरुग्राम ने संपत्तिकर बकायेदारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़े डिफाल्टरों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। नगर निगम की ओर से प्रत्येक जोन में उन संपत्ति मालिकों की पहचान की जा रही है, जिन पर 50 लाख रुपए से अधिक का टैक्स बकाया है। इस अभियान के तहत प्रत्येक जोन में ऐसे 100 डिफॉल्टरों की सूची तैयार की गई है। संयुक्त आयुक्त विशाल कुमार के निर्देशानुसार जोन-2 के जोनल टैक्सेशन अधिकारी पंकज कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को 22 प्रमुख डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए। अधिकारियों का कहना है कि अन्य बकायेदारों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं और आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम के तहत नगर निगम की सीमा में स्थित सभी प्रकार के भवनों व खाली प्लाटों का प्रतिवर्ष संपत्तिकर अदा करना अनिवार्य है। संपत्तिकर की अदायगी नहीं करने पर 18 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज लगाया जाता है और डिफॉल्टर संपत्ति मालिकों को नोटिस भेजकर संपत्तिकर जमा करने की हिदायत दी जाती है। अगर इसके बावजूद भी संपत्तिकर जमा नहीं कराया जाता है, तो संबंधित प्रॉपर्टी को सील करके उसकी नीलामी प्रक्रिया भी की जा सकती है। संपत्तिकर कार्यों के लिए नहीं पड़ें दलालों के चक्कर में नगर निगम गुरुग्राम ने नागरिकों से अपील की है कि वह संपत्तिकर से संबंधित किसी भी कार्य के लिए बिचौलियों या दलालों के झांसे में नहीं आएं। निगम ने स्पष्ट किया है कि संपत्तिकर की त्रुटियों से संबंधित आपत्तियों के समाधान के लिए एक निर्धारित समयसीमा तय की गई है, जिससे सभी मामलों का निपटारा समयबद्ध ढंग से करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे नागरिक, जो ऑनलाइन प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं और जो स्वयं ऑनलाईन आवेदन नहीं कर सकते, उनके लिए नगर निगम कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। यहां कर्मचारी नागरिकों को टैक्स संबंधित कार्यों में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे हैं। टैक्स ब्रांच से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल 2025 से अब तक नगर निगम गुरुग्राम के पास संपत्तिकर से संबंधित 11 हजार 159 आपत्तियां आई हैं। इनमें से केवल 1283 आपत्तियां नगर निगम के स्तर पर लंबित हैं। नगर निगम द्वारा निर्धारित समयावधि में 7622 आपत्तियों का समाधान किया गया, जबकि दस्तावेजी कमी के चलते 554 आपत्तियां रिजेक्ट की गई हैं। इसी प्रकार 1700 आपत्तियों में कमी पाए जाने पर आवेदक को रिवर्ट की गई हैं। नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी टैक्स के कार्य कराने की एवज में पैसे की मांग करता है, तो उसकी सूचना तुरंत निगमायुक्त या अतिरिक्त निगमायुक्त को दें। ऐसी किसी भी शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी।
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