शीशपाल विहार के पास धंसे मैनहोल की मरम्मत अगले हफ्ते पूरी होगी
गुरुग्राम-सोहना हाईवे पर शीशपाल विहार के पास धंसे मैनहोल और सड़क की मरम्मत का कार्य अगले हफ्ते तक पूरा होगा। जीएमडीए ने सीवर लाइन की मरम्मत के लिए सीआईपीपी पद्धति का प्रयोग करने की योजना बनाई है।...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। गुरुग्राम-सोहना हाईवे पर शीशपाल विहार के पास धंसे मैनहोल और सड़क की मरम्मत का कार्य अगले हफ्ते तक पूरा हो जाएगा। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की तरफ से यह कार्य करवाया जा रहा है। सेक्टर-49 से लेकर 57 तक का सीवर का पानी गुरुग्राम-सोहना रोड से होता हुआ बहरामपुर के सीवर शोधन संयंत्र तक जाता है। 20 दिन पहले शीशपाल विहार के समीप गुरुग्राम-सोहना हाईवे की एक लेन धंस गई थी। जांच के बाद पाया कि इस सड़क के समीप से जीएमडीए की मुख्य सीवर लाइन निकल रही है। इसका मैनहोल धंस गया है। सीवर लाइन से निकल रहे पानी की वजह से यह सड़क धंसी है।
सूचना मिलने पर हाईवे निर्माता कंपनी ने अवरोधक लगाकर जीएमडीए को स्थिति से अवगत करवाया था। जीएमडीए ने सूचना मिलने के बाद मैनहोल की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है, जो अब अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह के अंदर इस कार्य को पूरा करने का दावा किया है। स्थायी समाधान करने की तैयारी गुरुग्राम-सोहना रोड पर करीब पांच किलोमीटर लंबी सीवर लाइन की हालत खस्ता अवस्था में है। इस सीवर लाइन का निर्माण करीब 30 साल पहले किया गया था। अब जीएमडीए ने सीआईपीपी पद्धति से इस सीवर लाइन की मरम्मत करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत टेंडर लगाया था। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय खरीद समिति की बैठक होनी है, जिसमें इस टेंडर को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद इस सीवर लाइन की सीआईपीपी पद्धति से मरम्मत की जाएगी। दावा किया जा रहा है कि इस पद्धति से मरम्मत के बाद इस सीवर लाइन की आयु करीब 50 साल तक बढ़ जाएगी। एनएचएआई ने स्थायी समाधान का आग्रह किया एनएचएआई के परियोजना अधिकारी योगेश तिलक ने इस सिलसिले में जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला उपायुक्त को पत्र लिखा है। तिलक ने आग्रह किया है कि कई बार यह सीवर लाइन धंस चुकी है। ऐसे में इसका स्थायी समाधान किया जाए। एनएचएआई की गलती से दिक्कत हुई इस हाईवे का निर्माण जब किया जा रहा था तो एचएसवीपी ने इस सीवर लाइन की सीआईपीपी पद्धति से मरम्मत का इस्टीमेट बनाया था। इस इस्टीमेट को एनएचएआई के सुपुर्द किया था, लेकिन उनकी तरफ से उस दौरान इस स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया। एनएचएआई की लापरवाही की वजह से अब यह सीवर लाइन धंस रही है। इसकी वजह से हादसा होने की संभावना बनी हुई है।
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