गर्मी से बचाव के लिए एहतियात बरतें लोग : डीसी
गुरुग्राम में गर्मी के मौसम में लू लगने का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। हल्के कपड़े पहनें, ओआरएस और घरेलू पेय का सेवन करें। बच्चों और...

गुरुग्राम। गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू (हीट वेव) लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है। लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है। जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनहित में लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसकी सभी को पालना करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा बनाए रखनी है। जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष व डीसी अजय कुमार ने आह्वान किया कि प्रशासन की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें। गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें। ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें। बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है, नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 3 बजे के बीच धूप में सीधे न जाएं। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं। डीसी ने बताया कि बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें, तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें। यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें, उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें,उनके शरीर को ठंडक देने के साथ साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं, उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।
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