यमुना को गंदा किया तो होगा ऐक्शन, उद्योगों से निकले दूषित पानी को रोकने की तैयारी
- यमुना को प्रदूषित कर रहे उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी। मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि यमुना में सीवर का गंदा पानी या फैक्टरी का केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी नहीं डलना चाहिए।

यमुना को प्रदूषित कर रहे उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी। मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि यमुना में सीवर का गंदा पानी या फैक्टरी का केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी नहीं डलना चाहिए। गुरुग्राम के मंडलायुक्त आरसी बिढान और फरीदाबाद के मंडलायुक्त संजय जून ने गुरुग्राम के लघु सचिवालय में दोनों जिलों के नगर निगम समेत अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योगों में इंफूलेंट शोधन संयंत्र (ETP) लगे हैं या नहीं, इसकी जांच की जाए।
जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि ईटीपी सही ढंग से काम कर रहा है। यदि ईटीपी खराब है तो उन उद्योगों पर भारी जुर्माना लगाया जाए। ईटीपी को दुरुस्त करवाया जाए। राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने आदेश जारी किए हुए हैं कि यमुना में सीवर का प्रदूषित पानी नहीं डाला जाए। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के सर्वे के मुताबिक करीब 50 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) गंदा पानी बिना शोधित किए यमुना में जा रहा है। ये पानी मानेसर, सेक्टर-34, बहरामपुर, खांडसा, मोहम्मदपुर झाड़सा, दौलताबाद, कादीपुर के औद्योगिक क्षेत्रों से जा रहा है। अधिकांश उद्योगों में ईटीपी नहीं लगे हुए हैं।
गुरुग्राम और फरीदाबाद के मंडलायुक्तों ने मेवात, पलवल, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में पानी निकासी के बंदोबस्त को लेकर भी चर्चा की। अरावली के नजदीक लगते क्षेत्रों में बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था करने के आदेश दिए। बारिश में इन क्षेत्रों में भारी जलभराव हो जाता है। बैठक में फरीदाबाद के डीसी विक्रम यादव, रेवाड़ी के डीसी अभिषेक मीणा, महेंद्रगढ़ के डीसी डॉ. विवेक भारती भी मौजूद रहे।