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गुरुग्राम निगम आठ कॉलोनी के बिल्डरों से नहीं वसूल सका 92 करोड़, पार्षदों की ये मांग

  • नव निर्वाचित पार्षदों ने मांग की है कि नगर निगम पिछले तीन वर्षों में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली निजी बिल्डर कॉलोनियों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए बिल्डरों से बकाया राशि को वसूल करे। नगर निगम ने 2022 में आठ निजी कॉलोनियों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, कृष्ण कुमार | गुरुग्रामSun, 13 April 2025 10:42 AM
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गुरुग्राम निगम आठ कॉलोनी के बिल्डरों से नहीं वसूल सका 92 करोड़, पार्षदों की ये मांग

नगर निगम अधिकारी तीन साल से आठ कॉलोनियों के बिल्डरों से 92 करोड़ रुपये नहीं वसूल पाए, जबकि निगम ने 50 करोड़ से अधिक के विकास कार्य इन बिल्डर कॉलोनियों में शुरू कर दिए हैं। अब पार्षदों ने यह राशि वसूलने की मांग की है।

नव निर्वाचित पार्षदों ने मांग की है कि नगर निगम पिछले तीन वर्षों में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली निजी बिल्डर कॉलोनियों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए बिल्डरों से बकाया राशि को वसूल करे। नगर निगम ने 2022 में आठ निजी कॉलोनियों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। नियमों के अनुसार निगम को पहले बिल्डरों से यह राशि वसूल करनी थी। निगम अधिकारियों ने ऐसा नहीं करके इन कॉलोनियों में करोड़ों के विकास कार्य शुरू करवा दिए।

आरोप है कि निगम अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण निगम का खजाना लगातार खाली हो रहा है। आठ अप्रैल को हुई सदन की बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों से यह भी जवाब मांगा कि निगम के खाते में अब कितने की फिक्स डिपॉजिट (एफडी) बची है। निगम अधिकारियों ने बताया कि 400 करोड़ रुपये ही बचे हैं। इस पर पार्षदों ने कहा कि आय बढ़ाने का अगर यही रवैया रहा तो यह भी इस साल टूट जाएगी।

इन कॉलोनियों को निगम के किया गया था अधीन

मई 2022 में डीटीसीपी ने नौ निजी कॉलोनियों के अधिग्रहण को लेकर निगम को आदेश दिया था। निर्देशों का पालन करते हुए नगर निगम गुरुग्राम ने जून 2022 में सुशांत लोक-2, सुशांत लोक-3, आर्डी सिटी, मालिबू टाउन, विपुल वर्ल्ड, उप्पल साउथ एंड और रोज़वुड सिटी सहित सात कॉलोनियों को अपने अधीन कर लिया था। इसके बाद अगस्त 2022 में ग्रीनवुड सिटी का अधिग्रहण किया गया। हाल ही में एक अन्य कॉलोनी को भी नगर निगम ने अपने अधीन कर लिया। इन कॉलोनियों के अधिग्रहण के साथ ही इन कॉलोनियों में सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज सिस्टम, स्टॉर्म वाटर ड्रेन और स्ट्रीट लाइट आदि सेवाओं की जिम्मेदारी नगर निगम के पास आ गए थे। अधिग्रहण का यह भी मतलब है कि निवासियों को घर-घर से कूड़ा एकत्रित संग्रहण शुल्क के अलावा अन्य रखरखाव शुल्क नहीं देना होगा, जो सीधे कचरा संग्रहकर्ता को दिया जाता था।

‘वसूली के लिए संपत्तियों को कुर्क किया जाए’

आठ अप्रैल मंगलवार को सदन की बैठक में पार्षद कुलदीप यादव ने नगर निगम द्वारा अधिग्रहित निजी कॉलोनियों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए बिल्डरों से वसूले जाने वाले राशि की स्थिति के बारे में पूछा। इस पर नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि अभी तक किसी भी बिल्डर से वसूली नहीं हुई है। कुलदीप यादव ने कहा कि इन बिल्डरों से वसूली की जानी चाहिए। अगर वह भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो वसूली के लिए उनकी संपत्ति कुर्क की जाए।

किस कॉलोनी पर निगम का कितना बकाया

नगर निगम द्वारा 2022 में किए गए प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला है कि मेफील्ड गार्डन में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे को पूरा करने की अनुमानित लागत सबसे अधिक 16.21 करोड़ रुपये थी, इसके बाद मालिबू टाउन में 14.7 करोड़ रुपये और ग्रीनवुड सिटी में 14.31 करोड़ रुपये थे। जबकि आरडी सिटी के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित करने की अनुमानित लागत 10.93 करोड़ रुपये थी, सुशांत लोक-3 के लिए लागत 10.38 करोड़ रुपये और सुशांत लोक-2 के लिए 8.50 करोड़ रुपये थी। विपुल वर्ल्ड के लिए 8.92 करोड़ रुपये, रोजवुड सिटी के लिए 4.49 करोड़ रुपये और उप्पल साउथएंड के लिए 3.6 करोड़ रुपये होने का अनुमान था। यह राशि बिल्डरों से वसूल की जानी थी, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी निगम की तरफ से इन बिल्डरों से यह राशि वसूल नहीं की गई है।