अपडेट ::: मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी थे शामिल : खुफिया रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों, जेएमबी और एबीटी के सदस्यों की भागीदारी के संकेत मिले हैं। स्थानीय नेताओं की मदद से यह हिंसा हुई, जिसमें तीन लोग मारे गए। गृह...

नोट ::: पहले यह खबर बांग्लादेशी उपद्रवी से जारी हुई थी, जिसे अपडेट किया गया है। ---------------------------------------------------------------------------
- रिपोर्ट की जांच में खुलासा, जेएमबी और एबीटी के सदस्य थे हिंसा में मौजूद
- रिपोर्ट में कहा, राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की मदद से हुई हिंसा
- गृहमंत्रालय हिंसाग्रस्त क्षेत्र में बारीकी से रख रहा है नजर
नई दिल्ली, एजेंसी।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों के शामिल होने के संकेत मिले हैं। मंगलवार को एक खुफिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई।
रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकारी सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में शामिल थे। इन कट्टरपंथियों को स्थानीय नेताओं से मदद मिली थी, जिसके बाद यह सांप्रदायिक हिंसा हुई। इस हिंसा में तीन लोग मारे गए थे।
अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने का निर्देश
वहीं हिंसा से जुड़ी शुरुआती जांच रिपोर्ट भी गृह मंत्रालय को मंगलवार को सौंपी गई है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय मुर्शिदाबाद की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। क्षेत्र में शांति बहाल करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। सूत्रों ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है ताकि पश्चिम बंगाल सेक्टर में अवैध घुसपैठ न हो सके।
बैठक में जारी किए थे निर्देश
हिंसा की वारदात को लेकर 12 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ एक वर्चुअल बैठक की थी। इस दौरान केंद्र ने राज्य सरकार से अन्य संवेदनशील जिलों पर कड़ी नजर रखने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश जारी किया था।
बीसएफ की 9 कंपनियां तैनात
गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में सीमा सुरक्षा बल की करीब नौ कंपनियां यानी 900 जवान तैनात किए हैं। इन नौ कंपनियों में से 300 बीएसएफ जवान स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं और राज्य सरकार के अनुरोध पर अन्य अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं। सूत्रों ने बताया कि मुर्शिदाबाद समेत मालदा, हुगली और दक्षिण 24 परगना जिलों में सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान भी कड़ी सुरक्षा के बीच तैनात हैं।
पुलिस की निष्क्रियता पर मांगा स्पष्टीकरण
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के तीन सीमावर्ती क्षेत्रों में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है और एहतियात के तौर पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है। इसके अलावा, मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। केंद्र ने राज्य सरकार से जान-माल की रक्षा करने में विफलता, रेलवे संपत्तियों पर हमले और हिंसा के शुरुआती चरणों के दौरान पुलिस की निष्क्रियता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
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