भाजपा प्रमुख संग कुछ राज्यों के अध्यक्ष के चुनाव की कवायद तेज
भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और विभिन्न राज्यों के प्रमुखों के चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में नए अध्यक्ष की घोषणा का संकेत दिया है। संगठन...

- बीते दो दिनों से केंद्रीय नेतृत्व के बीच बैठकों का दौर जारी नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और विभिन्न राज्यों के प्रमुखों के चुनाव को लेकर तेजी आ गई है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच दो दिनों से बैठकों का दौर जारी है। बुधवार को भी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह एवं अन्य नेताओं के साथ बैठकें हुईं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी संवाद किया गया है। संकेत हैं कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।
भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के पहले लगभग एक दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा होने की संभावना है। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी के संगठनात्मक राज्यों में आधे से ज्यादा राज्यों के अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो जाएंगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने विभिन्न राज्यों में बनने वाले अध्यक्षों को लेकर विचार-विमर्श का दौर पूरा कर लिया है। अब उनकी घोषणा भर की जानी है। इसके अलावा, राज्यों से बनने वाले राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की सूची भी तैयार कर ली गई है।
मंगलवार शाम को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक बैठक हुई थी। इसके बाद बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर जेपी नड्डा ने बैठक की। दोपहर और शाम को हुई दो दौर की बैठकों में राज्यों के चुनाव को लेकर चर्चा की गई है। सूत्रों के अनुसार, अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चूंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव सर्वानुमति से ही होना है, इसलिए इस प्रक्रिया के पूरे होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ भी विचार-विमर्श किया है और अब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बारे में जल्द घोषणा कर देगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए हैं कि संगठनात्मक दृष्टि से आने वाली राजनीतिक चुनौतियों के साथ क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन के मुताबिक पार्टी का नया नेतृत्व सामने आएगा। हालांकि, नाम को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने फिलहाल कोई संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन यह जरूर कहा है कि शीर्ष स्तर पर अब केवल प्रक्रियागत काम ही किया जाना बाकी है।
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