ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पोस्ट करने वाली छात्रा को राहत नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉलेज द्वारा निलंबित विधि छात्रा को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति रोहित जोशी ने कहा कि कार्रवाई दंडात्मक नहीं, बल्कि प्रशासनिक है। छात्रा ने सिद्दीक के साथ पूछताछ...

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने के कारण कॉलेज द्वारा निलंबित विधि छात्रा को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति रोहित जोशी ने 14 मई को अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यहां सिम्बायोसिस लॉ स्कूल द्वारा की गई कार्रवाई ‘दंडात्मक नहीं लगती, बल्कि यह प्रशासनिक प्रकृति की है। कानून पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की छात्रा से पुलिस ने पूछताछ की, हालांकि उसे गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि वह स्वतंत्र पत्रकार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एसोसिएशन (डीएसए), केरल के सदस्य राजस मादेपड्डी उर्फ सिद्दीक के साथ पाई गई थी। पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में आलोचनात्मक पोस्ट करने के कारण सिद्दीक को 7 मई को गिरफ्तार किया गया था।
छात्रा ने पिछले सप्ताह अदालत में याचिका दायर कर अपने निलंबन और कॉलेज द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई जांच रद्द करने की मांग की थी। तत्काल राहत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने संस्थान के इस आश्वासन पर गौर किया कि यदि जांच में उसे दोषमुक्त कर दिया जाता है तो उसके लिए बाद में विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। याचिकाकर्ता के अनुसार उसकी परीक्षा 15 मई से शुरू होनी थी। हाईकोर्ट ने संस्थान को 25 मई तक जांच पूरी करने और उसी दिन याचिकाकर्ता को निर्णय बताने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 मई को तय की।
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