यौन उत्पीड़न के आरोपी डॉक्टर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
शब्द : 263 ---------- -हाईकोर्ट ने पीड़ितों के भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक आघात का दिया

शब्द : 263 ---------- -हाईकोर्ट ने पीड़ितों के भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक आघात का दिया हवाला मुंबई, एजेंसी बॉम्बे हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी डॉक्टर की अग्रिम जमानत याचिका पीड़िताओं के भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक आघात का हवाला देते हुए खारिज कर दी। जानकारी के अनुसार आरोपी रविंद्र देओकर केईएम अस्पताल के फोरेंसिक विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर है। उन पर छह महिला सहायक प्रोफेसर ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश पाटिल की बेंच ने कहा कि देओकर लंबे से अपने प्रभाव का लाभ उठाकर अनुचित व्यवहार कर रहे थे। अदालत ने कहा कि अब तक कोई भी उनके खिलाफ शिकायत करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उन्हें डर था कि इससे उनका करियर प्रभावित होगा।
जस्टिस पाटिल ने कहा कि ऐसी संभावना है कि यदि आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी गई तो वह शिकायतकर्ता पीड़िताओं से बदला ले या इस तरह के आचरण की पुनरावृत्ति करे। अंतत: पीड़िताओं के भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक आघात का भी ध्यान रखना चाहिए। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि देओकर अस्पताल की यौन उत्पीड़न रोकने के लिए बनी आंतरिक समिति का सदस्य भी है। यह पहली बार नहीं है जब आरोपी के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिली हो। इससे पहले भी एक महिला चिकित्सक ने 2021 में उसके खिलाफ इसी तरह की शिकायत की थी। देओकर ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि निजी द्वेष व राजनीति के कारण उन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं। उनके खिलाफ भोईवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।