राजधानी दिल्ली में जल्द खुलेंगे 70 आरोग्य मंदिर
आयुष्मान योजना के तहत पहले चरण में प्रत्येक विधानसभा में एक-एक आरोग्य मंदिर खुलेंगे, अगले एक साल में 1139 आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की जगह अब आरोग्य मंदिर नजर आएंगे। दिल्ली सरकार पहले चरण में कुल 70 आरोग्य मंदिर की शुरुआत करेगी। प्रत्येक विधानसभा में एक आरोग्य मंदिर शुरू किया जाएगा। सरकार के सूत्रों की मानें तो अगले एक महीने में यह तैयार हो जाएंगे। यहां प्राथमिक चिकिस्ता की सभी सुविधाएं मिलेंगी। यह आरोग्य मंदिर आयुष्मान भारत योजना के तहत खोले जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि अगले एक साल में 1139 आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे।
दिल्ली सरकार ने पांच अप्रैल को राजधानी में आयुष्मान योजना को लेकर केंद्र सरकार के साथ समझौता किया था। उसके बाद 10 अप्रैल को आयुष्मान योजना के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी संरचना को विकसित करने के लिए एक और समझौता किया। इसके तहत दिल्ली सरकार को 2100 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान मिला है। उसी के तहत दिल्ली में आरोग्य मंदिर खोले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार कई जगह मौजूदा मोहल्ला क्लीनिक को ही आरोग्य मंदिर में बदलेगी। इसके लिए उसे अपग्रेड किया जाएगा।
आयुष्मान कार्ड के लिए 1.75 लाख पंजीकरण
दिल्ली में बीते 10 अप्रैल से आयुष्मान योजना के तहत पात्र उम्मीदवारों का पंजीकरण शुरू हो चुका है। पहले चरण में अंत्योदय राशन योजना के लाभार्थियों को यह कार्ड दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि अभी तक 1.75 लाख लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है। अगले पखवाड़े में इन्हें आयुष्मान कार्ड का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। उसके बाद जल्द ही ऑफलाइन, ऑनलाइन व्यवस्था भी शुरू की जाएगी। लोगों को पंजीकरण कराने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।
पोर्टा केबिन में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक बंद होंगे
दिल्ली की भाजपा सरकार ने फिर साफ किया है कि किराए पर और पोर्टा केबिन में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक को बंद किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह किसी काम के नहीं है। इन्हें दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) और बारात घरों में शिफ्ट किया जाएगा। आयुष्मान योजना के तहत आरोग्य मंदिर भी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र वाली जगह या फिर सरकारी स्थानों पर बनाएं जाएंगे।
खाली पड़े पदों को भरा जा रहा
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अस्पतालों में डॉक्टर्स की भर्ती की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कुछ समय पहले तक 21 फीसदी पद खाली थे, लेकिन अब यह 16 फीसदी रह गए हैं। यानि बीते कुछ समय में पांच फीसदी खाली पड़े डॉक्टर्स के पद भर दिए गए हैं। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में बेड़ बढ़ाने का काम भी चल रहा है। निर्माणाधीन अस्पतालों को भी पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
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