डीयू की पारदर्शी परीक्षा को चुनौती दे रहे स्मार्ट नकलची
- इस साल लगभग एक हजार नकलची डीयू ने पकड़ा नई दिल्ली। अभिनव उपाध्याय

- इस साल लगभग एक हजार नकलची डीयू ने पकड़ा नई दिल्ली। अभिनव उपाध्याय
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के तमाम प्रयासों के बावजूद, परीक्षाओं में नकल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार की परीक्षा में लगभग 1000 नकलची पकड़े गए, जिनमें से 20 प्रतिशत से अधिक ने हाईटेक यानी स्मार्ट तरीकों से नकल करने की कोशिश की। इन छात्रों ने स्मार्ट वॉच, ब्लूटूथ ईयर बड्स, मोबाइल फोन और यहां तक कि ‘मैजिक पेन जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया। यही नहीं छात्र चैटजीटीपी सहित तमाम एआई टूल का भी उपयोग कर रहे हैं।
परीक्षा शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल जो नकल के केस सामने आए हैं, उनमें अधिकांश जानबूझकर और सुनियोजित थे। कई मामलों में छात्रों को नकल के दंड की पूरी जानकारी थी और उन्होंने उसी को ध्यान में रखते हुए कम से कम सजा वाले तरीकों का चयन किया था।
ज्ञात हो कि डीयू ने नकल करते पकड़े जाने पर दंड के प्रावधान को ए से एफ श्रेणी के बीच उसकी गंभीरता के अनुरूप बांटा गया है। नकल की प्रवृत्ति के अनुसार दंड का प्रावधान है। इसमें एक सेमेस्टर से कक्षा से बाहर करने से लेकर विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित करने तक का प्रावधान है। एक अधिकारी का कहना है कि ऐसा देखा गया है कि यदि किसी छात्र के पास मोबाइल पकड़ा गया और उसे जब्त किया और बाद में उसे साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाता है वह खाली होता है। क्योंकि चालाक छात्र जिस मेल आईडी से मोबाइल संचालित करते हैं पकड़े जाने पर बाद में दूसरे फोन या लैपटॉप से उसकी सामग्री को मेल के माध्यम से मिटा देते हैं। ऐसे में छात्र की सजा साक्ष्य के अभाव में कम हो जाती है।
कैसे कर रहे हैं छात्र स्मार्ट नकल-
स्मार्ट वॉच: छात्र इनमें नोट्स सेव करके परीक्षा के दौरान समय देखने के बहाने उत्तर पढ़ते हैं।
-ब्लूटूथ ईयर बड्स: बाहर बैठा व्यक्ति उत्तर पढ़ता है और छात्र उसे सुनते हैं।
-मोबाइल फोन: कई छात्र शर्ट या कुर्ते के अंदर विशेष जेब में मोबाइल छुपा कर लाते हैं।
- मैजिक पेन: पेन में छुपे कैमरे या स्क्रीन के जरिए उत्तर देखने की कोशिश की जाती है।
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परीक्षा में नकल के लिए तय हैं छह अलग-अलग स्तर और इसके लिए दंड का प्रावधान
परीक्षा नियमों के अंतर्गत नकल करते हुए पकड़े जाने पर सेक्शन ए से एफ तक वर्गीकृत किया गया है। हर वर्ग में अलग सजा तय की गई है।
- सेक्शन ए के तहत हल्की अनियमितताएं को चिन्हित किया गया है। इसके तहत परीक्षा में बात करना या उत्तर पुस्तिका में पहचान चिन्ह बनाना। उत्तर पुस्तिका या नोट्स साथ लाना लेकिन उपयोग न करना आदि है। इसके लिए सजा के तौर पर छात्र को उस पेपर में शून्य अंक दिया जा सकता है।
-सेक्शन बी के तहत मध्यम अनियमितताएं हैं। इसके तहत परीक्षा कक्ष से आधे घंटे के अंदर बाहर निकलना। नकल का प्रयास करना या सहायता देना आदि है। इसके तहत दंड के तौर पर छात्र का पूरा सेमेस्टर रद किया जा सकता है और उसे अगली परीक्षा के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है।
-सेक्शन सी के तहत गंभीर अनुचित कार्य होते हैं। इसके तहत उत्तर पुस्तिका जमा किए बिना बाहर जाना, स्टाफ से झगड़ा करना, गाली देना या उत्तर पुस्तिका फाड़ना,
नकल सामग्री को निगलना या नष्ट करना है। इसमें दंड स्वरूप पूरा सेमेस्टर रद्द करना और दो सेमेस्टर तक परीक्षा से वर्जित करना है।
-सेक्शन डी के तहत उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़, परीक्षा के बाद उत्तर जोड़ना या उत्तर पुस्तिका बदलना शामिल है। इसमें दंड स्वरूप सेमेस्टर परीक्षा रद या तीन सेमेस्टर तक प्रतिबंधित करने की सजा है।
-सेक्शन ई के तहत गंभीर अनुशासनहीनता या धोखाधड़ी के मामले आते हैं इसमें किसी और को अपनी जगह परीक्षा में बैठाना या स्वयं किसी और की जगह बैठना आदि शामिल है। इसमें सजा के तौर पर पांच सेमेस्टर तक प्रतिबंधित किया जा सकता है।
-सेक्शन एफ के तहत उकसाना, हिंसा और जालसाजी है। इसमें हथियार से हमला करना, स्टाफ को नुकसान पहुंचाना,उत्तर पुस्तिका में फर्जी हस्ताक्षर करना आदि है। इसके तहत अभ्यर्थी को नौ सेमेस्टर तक प्रतिबंधित किया जा सकता है।
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