ED Arrests Anil Mithas for Money Laundering Investigation into 2172 Flat Fraud उन्नति फार्च्यून बिल्डर का निदेशक अनिल मिठास गिरफ्तार, 11 ठिकानों पर छापेमारी, Delhi Hindi News - Hindustan
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उन्नति फार्च्यून बिल्डर का निदेशक अनिल मिठास गिरफ्तार, 11 ठिकानों पर छापेमारी

- ईडी ने धनशोधन एक्ट के तहत की कार्रवाई, 24 तक रिमांड मिली लखनऊ,

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 17 April 2025 07:56 PM
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उन्नति फार्च्यून बिल्डर का निदेशक अनिल मिठास गिरफ्तार, 11 ठिकानों पर छापेमारी

- ईडी ने धनशोधन एक्ट के तहत की कार्रवाई, 24 तक रिमांड मिली लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्नति फार्च्यून होल्डिंग बिल्डर के निदेशक अनिल मिठास को गुरुवार सुबह लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने मिठास से बुधवार को कई घंटे पूछताछ की थी। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही ईडी की लखनऊ टीम ने दिल्ली, नोएडा एवं मेरठ में कंपनी के एक दर्जन से अधिक कार्यालयों तथा अनिल के घर पर छापेमारी की। कई दस्तावेज संदिग्ध मिले, जिन्हें ईडी ने कब्जे में ले लिया है। ईडी ने आरोपी अनिल को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसकी 24 अप्रैल तक रिमांड मिल गई।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, मूल रूप से मेरठ निवासी अनिल मिठास से कई बार पूछताछ की गई थी। वह कई तथ्यों का सही जवाब नहीं दे रहे थे। वह काफी समय से नोएडा में रह रहे थे। वर्ष 2019 में इस कंपनी के दो निदेशकों अनिल मिठास और मधु मिठास के खिलाफ कोतवाली फेज-3 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद कई मुकदमे दर्ज हुए। इनके आधार पर ईडी ने भी निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया था कि इस समूह ने कई निवेशकों से फ्लैट के नाम पर करोड़ों रुपये जमा करा लिए थे। कुछ निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा दिया लेकिन बाद में इस फ्लैट को दूसरे को ज्यादा दाम पर बेच दिया। ऐसे कई मामले आने के बाद निवेशकों ने रकम लौटाने का दबाव बनाया तो आरोपियों ने टाल-मटोल रवैया अपना लिया। इसके बाद ही निवेशकों ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

2172 फ्लैट की धोखाधड़ी

ईडी के मुताबिक, नोएडा में पांच और दिल्ली में दो ठिकानों पर देर तक कार्रवाई हुई। जांच में पता चला था कि उन्नति समूह के जरिए अनिल ने 2172 फ्लैट बनाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये जमा करा लिए थे। निवेशकों को जब तय समय पर फ्लैट नहीं मिले तो पीड़ितों ने शिकायत करना शुरू कर दिया था। इस पर कुछ लोगों को कम्पनी ने फ्लैट दे दिए पर बाद में इनका मालिकाना हक किसी और का निकला। ईडी के मुताबिक, अनिल से जुड़े कुछ और लोगों की भूमिका की जांच चल रही है। इसमें जल्द कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है।

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