ब्यूरो-- ईडी छापेमारी खबर का जोड़....
ईडी ने इंदिरापुरम के अभय खंड-तीन स्थित गौड़ संस इंडिया बिल्डर्स के कार्यालय पर छापेमारी की। जांच के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए। इसके साथ ही, यमुना पुस्ते के पास बने फार्म हाउस की भी जांच शुरू हो गई...

गौड़ संस इंडिया के कार्यालय पर ईडी का छापा ट्रांस हिंडन, संवाददाता। इंदिरापुरम के अभय खंड-तीन स्थित गौड़ संस इंडिया बिल्डर्स के कार्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की। टीम सुबह सात बजे पहुंची और देर शाम तक कार्रवाई जारी रही। ईडी के छह-सात अधिकारी कारों से आए और सीधे दफ्तर पहुंचे। कुछ ही देर में कंपनी के कर्मचारी भी कार्यालय पहुंचने लगे, जिन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि करीब नौ बजे एक और कार यहां आकर रुकी। इसमें सुरक्षा बल के जवानों के साथ कुछ मशीनें भी थीं।
जांच के दौरान अधिकारियों ने कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। यमुना पुस्ते के पास बने फार्म हाउस की भी जांच शुरू नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। यमुना पुस्ते के पास बने वैध फार्म हाउस तक ईडी की जांच पहुंच गई है। ईडी ने दो दिन पहले प्राधिकरण से आवंटित हुए फार्म हाउस की जानकारी मांगी है। आने वाले दिनों में इनके आवंटन से जुड़े अधिकारियों से ईडी पूछताछ कर सकती है। नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2008 से 2011 के बीच सेक्टर-128, 133, 164 आदि सेक्टरों में 157 फार्महाउस के लिए भूखंड आवंटित किए थे। आरोप है कि इन भूखंडों को सस्ती दरों पर राजनेताओं, नौकरशाहों और उनके रिश्तेदारों को आवंटित किया गया। प्राधिकरण ने दो बार 2008 और 2010 में ओपेन एंड स्कीम के तहत फार्महाउस योजना निकाली। दोनों बार में 305 आवेदन स्वीकार किए गए। इसमें से 157 आवंटियों को 18 लाख 37 हजार 340 वर्गमीटर भूखंड आवंटित किया गया। कैग ने 2,833 करोड़ राजस्व का नुकसान बताया कुछ साल पहले कैग ने प्राधिकरण से जुड़े कामकाज और आवंटन की वर्ष 2005 से लेकर 2017 तक जांच की। जांच में सामने आया कि वर्ष 2008-09 में 22 आवंटियों को 3100 रुपए प्रतिवर्गमीटर की दर से भूखंड आवंटित किए गए, जबकि उस समय प्रचलित दर 15 हजार 914 रुपए प्रति वर्ग मीटर थी। इसी दर से वर्ष 2009-10 में 43 भूखंडों का आवंटन किया गया। उस दौरान प्रचलित दर 16 हजार 996 रुपए थी। वर्ष 2010-11 में 83 भूखंडों का आंवटन 3500 रुपए के हिसाब से किया गया, जबकि दर 17 हजार 556 रुपए थी। कैग के अनुसार, इससे करीब 2,833 करोड़ रुपये राजस्व की हानि हुई। हैंसिडा की जांच के जरिए फार्म हाउस तक पहुंची ईडी ईडी हैसिंडा के सेक्टर-107 स्थित लोटस-300 परियोजना की जांच कर रही है। यह परियोजना निर्मल सिंह और उसके अन्य साथी निदेशकों की है। इस परियोजना के जरिए जांच में ईडी को कुछ लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज फार्म हाउस से जुड़े भी मिले। फार्म हाउस के लिए जब भूखंड आवंटित किए गए, उस समय मोहिंदर सिंह के पास प्राधिकरण के सीईओ और चेयरमैन का कार्यभार था। हैंसिडा मामले में ईडी मोहिंदर सिंह से पूछताछ कर रही है। इस लिंक के जरिए भी ईडी की जांच का दायरा फार्म हाउस तक पहुंच गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।