ईपीएफओ से निकासी में रद्द चेक की जरूरत खत्म
नई दिल्ली, ईपीएफओ ने कहा कि अब भविष्य निधि खाते से ऑनलाइन राशि निकासी के लिए आवेदकों को रद्द किए गए चेक की तस्वीर अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है। इस कदम से दावों के निपटान में तेजी आएगी और नियोक्ताओं...

नई दिल्ली, एजेंसी। सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ ने गुरुवार को कहा कि अब भविष्य निधि खाते से ऑनलाइन राशि निकासी के इच्छुक आवेदकों को रद्द किए गए चेक की तस्वीर 'अपलोड' करने की आवश्यकता नहीं है और साथ ही उनके बैंक खातों को नियोक्ताओं द्वारा सत्यापित करने की भी जरूरत नहीं है। इस कदम से लगभग आठ करोड़ अंशधारकों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में तेजी आने और नियोक्ताओं के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
वर्तमान में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के सदस्यों को पीएफ खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय, यूएएन यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर या पीएफ संख्या से जुड़े बैंक खाते के रद्द किए गए चेक या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती है। नियोक्ताओं द्वारा भी आवेदक के बैंक खाते के विवरण को स्वीकृत करना अनिवार्य है।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ ने ऑनलाइन दावा दाखिल करते समय चेक या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की जरूरत को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
दावा खारिज होने की शिकायतों में कमी आएगी
ईपीएफ सदस्यों के लिए 'जीवन की सुगमता' और नियोक्ताओं के लिए 'कारोबारी सुगमता' सुनिश्चित करने के लिए इन दो जरूरतों को समाप्त कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि इन उपायों से दावों के निपटान की प्रक्रिया में उल्लेखनीय सुधार आएगा और दावों के खारिज होने से संबंधित शिकायतों में कमी आएगी। इन आवश्यकताओं को शुरू में कुछ केवाईसी-अपडेट किए गए सदस्यों के लिए परीक्षण आधार पर छूट दी गई थी। 28 मई, 2024 को परीक्षण के तौर पर शुरुआत के बाद से, इस कदम से पहले ही 1.7 करोड़ ईपीएफ सदस्यों को लाभ मिल चुका है। मंत्रालय ने कहा कि सफल परीक्षण के बाद, ईपीएफओ ने अब सभी सदस्यों के लिए यह छूट प्रदान दी है।
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पीपीएफ खातों में नॉमिनी में बदलाव के लिए कोई शुल्क नहीं
नई दिल्ली, एजेंसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक भविष्य निधि यानी पीपीएफ खातों के लिए 'नॉमिनी' बनाने या उसमें कोई बदलाव करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा क्योंकि सरकार ने अधिसूचना के जरिये आवश्यक बदलाव किए हैं। राजपत्र अधिसूचना में सरकार द्वारा संचालित लघु बचत योजनाओं के लिए नामांकन रद्द करने या उसमें बदलाव करने के लिए 50 रुपये का शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, हाल ही में पीपीएफ खातों में 'नॉमिनी' व्यक्ति के विवरण को जोड़ने/संशोधित करने के लिए वित्तीय संस्थानों द्वारा शुल्क लेने की जानकारी मिली है। 'नॉमिनी' के पास मूल खाताधारक की राशि पर कानूनी अधिकार होता है।
उन्होंने कहा कि पीपीएफ खातों के लिए 'नॉमिनी' से जुड़ी जानकारी में बदलाव पर किसी भी शुल्क को हटाने के लिए दो अप्रैल 2025 के राजपत्र अधिसूचना के जरिये सरकारी बचत संवर्धन सामान्य नियम 2018 में आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
अधिकतम चार लोगों को 'नॉमिनी' बनाने की अनुमति
उन्होंने कहा, हाल ही में पारित बैंकिंग संशोधन विधेयक 2025 जमाकर्ताओं के पैसे, सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए सामान व सुरक्षा लॉकर के भुगतान के लिए अधिकतम चार लोगों को 'नॉमिनी' बनाने की अनुमति है। विधेयक में एक और बदलाव बैंक में किसी व्यक्ति के 'पर्याप्त कर' शब्द को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है। इस सीमा को मौजूदा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने का प्रावधान है। मौजूदा दर को लगभग छह दशक पहले तय किया गया था। कानून में सहकारी बैंकों में निदेशकों (चेयरमैन एवं पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को आठ वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने की बात भी की गई है, ताकि संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम 2011 के साथ तालमेल बैठाया जा सके।
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